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धान की फसल में बालियां बनने के समय उर्वरक प्रबंधन
धान की फसल में बालियां बनने के समय उर्वरक प्रबंधन
धान की बेहतर पैदावार के लिए उर्वरक प्रबंधन की जानकारी होना आवश्यक है। धान की फसल में नर्सरी की तैयारी हो या मुख्य खेत में पौधों की रोपाई, कुछ समय के अंतराल पर उर्वरकों की पूर्ति करनी होती है। केवल इतना ही नहीं पौधों में बालियां बनने के समय भी सही मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग करने से बेहतर पैदावार प्राप्त किया जा सकता है। आइए धान की फसल में बालियां बनने के समय उर्वरक प्रबंधन की जानकारी प्राप्त करें।
पौधों में बालियां बनते समय किन उर्वरकों का करें प्रयोग?
नाइट्रोजन
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पौधों में बालियां बनते के समय नाइट्रोजन का प्रयोग बहुत जरूरी है। इससे पैदावार में वृद्धि होती है साथ ही दानों की गुणवत्ता भी बेहतर होती है।
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नाइट्रोजन की पूर्ति के लिए प्रति एकड़ जमीन में 25 से 30 किलोग्राम यूरिया का छिड़काव करें।
फास्फोरस
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धान के पौधों में बालियां बनने पर उनका वजन बढ़ने लगता है। ऐसे में कमजोर पौधों के टूटने की संभावना बढ़ जाती है।
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धान के पौधों को मजबूती देने के लिए फास्फोरस का प्रयोग करें।
पोटाश
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बालियां बनते समय पोटाश का प्रयोग करने से धान की बालियों की गुणवत्ता बेहतर होती है और दानों का वजन भी बढ़ता है।
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कई बार धान के दाने अंदर से खोखले रह जाते हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए भी पोटाश की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
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फास्फोरस व पोटाश की आपूर्ति के लिए घुलनशील 00:52:34 जिसमे फास्फोरस व पोटाश उपलब्ध होता है को 1 किलोग्राम प्रति एकड़ 200 लीटर पानी में मिला कर छिड़काव कर सकते हैं।
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