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धान
डॉ. प्रमोद मुरारी
कृषि विशेषयज्ञ
3 year
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धान की फसल को कैसे बचाएं मिलीबग कीट से

धान की फसल को कैसे बचाएं मिलीबग कीट से


धान की फसल में लगने वाले विभिन्न कीटों में से एक है मिलीबग कीट। इस कीट के प्रकोप से धान की फसल को काफी नुकसान होता है। धान के अलावा कपास, बैंगन, मसूर, भिंडी, मटर, चना, ज्वार, टमाटर, मूंगफली, पपीता, अरहर, आलू, सोयाबीन, गन्ना आदि कई फसलों में इसका प्रकोप देखा जाता है। इस पोस्ट के माध्यम से आप मिलीबग कीट का लक्षण एवं बचाव के उपाय की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

कीट की पहचान

  • यह कीट छोटे एवं अंडाकार होते हैं

  • यह सफेद रंग के चूर्ण की तरह पदार्थ से ढके रहते हैं। जो उष्ण तथा शीतोष्ण जलवायु में पाए जाते हैं। इनका शरीर एक पतले दानेदार मोम की परत से ढका होता है जिससे यह रुई की तरह दिखाई देते हैं।

लक्षण

  • इस कीट का असर धान का तना, पत्तियों, फूल एवं बालियों पर देखा जा सकता है।

  • धान का तना एवं पत्तियों पर सफेद रूई जैसे पदार्थ दिखने लगते हैं।

  • यह पत्तियों का रस चूस कर उन्हें कमजोर बना देते हैं।

  • इस के प्रकोप से पत्तियों का रंग पीला, हल्का भूरा या गहरा भूरा हो जाता है।

  • पौधों का विकास अवरुद्ध हो जाता है।

बचाव के उपाय

  • इस कीट से बचने के लिए स्वस्थ एवं प्रमाणित बीज का चयन करें।

  • बुवाई से पहले बीज को उपचारित करना आवश्यक है।

  • खेत में खरपतवार के नियंत्रण पर विशेष ध्यान दें।

  • सही समय पर संतुलित उर्वरक का प्रयोग सुनिश्चित करें।

  • संक्रमित भाग को पौधों से अलग कर के नष्ट कर दें।

  • इस कीट से बचने के लिए 15 लीटर पानी में 25 से 30 मिलीलीटर क्लोरपीरिफॉस मिलाकर छिड़काव करें।

  • इसके अलावा आप 15 लीटर पानी में 20 मिलीलीटर साइपरमेथ्रिन या इमिडाक्लोरपिड का भी छिड़काव कर सकते हैं।

  • दवाओं के छिड़काव के 4-5 दिनों बाद 15 लीटर पानी में 25 मिलीलीटर नुट्रीजाईम मिलाकर छिड़काव करें।

हमें उम्मीद है इस पोस्ट में दिए गए उपायों को अपना कर आप मिलीबग कीट पर आसानी से नियंत्रण प्राप्त कर सकते हैं। यदि आपको इस पोस्ट में दी गई जानकारी आवश्यक लगी है तो इस पोस्ट को लाइक करें, साथ ही इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के द्वारा पूछें।
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