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धान की फसल को बर्बाद कर सकता है पीला तना भेदक, कृषि विशेषज्ञों से जानें उपाय
धान की फसल को बर्बाद कर सकता है पीला तना भेदक, कृषि विशेषज्ञों से जानें उपाय
पीला तना भेदक पूरे भारत में धान का एक गंभीर कीट है, जो फसल की सभी अवस्थाओं में फसल को प्रभावित करता है। कीट के प्रकोप से 40 से 60 प्रतिशत तक की उपज हानि होती है। साथ ही वर्षा और आर्द्रता जैसे कारक कीट की जंसख्या वृद्धी में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
पीला तना भेदक कीट
पीला तना छेदक क्रैम्बिडे परिवार प्रजाति का कीट है। जिसे वैज्ञानिक रूप से स्किरपोफागा इन्सर्टुलस नाम से जाना जाता है। कीट का पूर्ण विकसित लार्वा भूरे रंग के सिर के साथ हल्के पीले से हरे रंग के होता है और अपने पूरे जीवन काल में 20 मिलीमीटर तक की लंबाई तक पहुंचते हैं। कीट पौधों के तनों पर छेद करके पौधों को नुकसान पहुंचाते हैं।
कीट से होने वाले नुकसान
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शुरुआती अवस्था में कीट पत्तियों में घुसकर पीले-सफेद धब्बे पैदा करते हैं। जिसके बाद यह तने की तरफ बढ़कर उसपर छेद करता है।
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पूरी तरह से विकसित हुए पतंगे धान के केंद्रीय तने में घुस जातें है, जिससे तना सूख जाता है। इस प्रक्रिया का "डेड हार्ट" भी कहा जाता है।
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बालियां सफेद और कम दानों वाली होता है।
कीट प्रबंधन
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खेत में पानी के जमाव एवं पौधों की नजदीकी रोपाई से बचें।
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संक्रमित पौधों को नष्ट कर दें।
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पतंगों को आकर्षित करने और मारने के लिए लाइट ट्रैप लगाएं।
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फसल को ज़मीनी स्तर तक काट लें और ठूंठों को नष्ट कर दें ताकि लार्वा और प्यूपा नष्ट हो जाएं।
रासायनिक उपाय -
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फ्लुबेंडीमाइड 39.35% एससी (बायर -फेम) मात्रा 50 मिलीलीटर मात्रा को 150 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ की दर से छिड़कें।
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फिप्रोनिल 0.3% जीआर ( स्लेमाईट - देहात ) 6 किलो अथवा क्लोरॅन्ट्रानिलिप्रोल 0.5% जीआर + थायोमेथॉक्सम 1% ( वेर्टाको - सिंजेंटा ) ३ किलो प्रति एकड़ के प्रमाण में खेत में डालें।
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