पोस्ट विवरण
सुने
उर्वरक
धान
कृषि ज्ञान
7 June
Follow

धान की खेती में जिंक का उपयोग और महत्व

धान की खेती में जिंक का उपयोग और महत्व

फसलों में जिंक का वर्गीकरण सूक्ष्म पोषक तत्व के आधार पर किया गया है। सूक्ष्म पोषक तत्वों का प्रयोग कृषि में भले ही निम्न स्तर पर किया जाता है। लेकिन फसल की वृद्धि और एक उच्च गुणवत्ता प्राप्त करने जैसी भूमिकाओं में यह एक प्रमुख कारक है। जिंक को आम भाषा में जस्ता कहते हैं। यह धान की फसल में अधिक कल्ले प्राप्त करने और पौधों में असामान्य वृद्धि को रोकने के लिए उत्तरदायी होता है। इसके अलावा पौधों में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए भी जिंक का महत्वपूर्ण स्थान है। धान की फसल में जिंक की कमी के प्रारंभिक लक्षण पत्तियों पर आसानी से पहचाने जा सकते हैं। जिंक की कमी के लक्षण एवं इसकी कमी दूर करने के तरीके यहां से देखें।

धान की फसल में जिंक की कमी के लक्षण

  • जिंक की अधिक कमी से नई पत्तियां हल्की हरे रंग की निकलती हैं और पुरानी पत्तियों पर लाल और भूरे रंग के धब्बे होने लगते हैं।

  • पौधों में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया प्रभावित होने के कारण पौधे अपना भोजन नहीं बना पाते हैं और पौधों की बढ़वार रुक जाती है।

  • पौधों में कल्लों की संख्या घटने लगती है।

  • जिंक की कमी के लक्षणों में फसल में बालियों का देर से निकलना और फसल का देर से पकना भी शामिल है।

  • तने की लंबाई घट जाती है और पत्तियां मुड़ने लगती हैं।

फसल में जिंक की कमी दूर करने के तरीके

  • पौधों की रोपाई से पहले 10 किलोग्राम जिंक सल्फेट की मात्रा का प्रयोग प्रति एकड़ खेत के अनुसार करें।

  • जिंक की कमी से होने वाले रोगों के बचाव के लिए रोग के लक्षण दिखने पर 1 किलोग्राम जिंक सल्फेट एवं 5 किलोग्राम यूरिया को 200 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ में छिड़काव करें।

  • 2 ग्राम जिंक सल्फेट की मात्रा को प्रति लीटर पानी में मिलाकर कल्ले निकलने से पहले छिड़काव करें।

  • जिंक सल्फेट का प्रयोग खेत की तैयारी के समय पर गोबर की खाद के साथ मिलाकर किया जा सकता है। लेकिन इस दौरान खेत में नाइट्रोजन का प्रयोग न करें।

यह भी पढ़ें:

ऊपर दी गयी जानकारी पर अपने विचार और कृषि संबंधित सवाल आप हमें कमेंट बॉक्स में लिख कर भेज सकते हैं। यदि आपको आज के पोस्ट में दी गई जानकारी पसंद आई हो तो इसे लाइक करें और अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करें। जिससे अधिक से अधिक किसान इस जानकारी का लाभ उठा सकें। साथ ही कृषि संबंधित ज्ञानवर्धक और रोचक जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।

18 Likes
Like
Comment
Share
banner
फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ

फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ