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विभा कुमारी
कृषि विशेषयज्ञ
2 year
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धान की इन संकर एवं बासमती किस्मों की करें खेती, होगा अधिक मुनाफा

धान की इन संकर एवं बासमती किस्मों की करें खेती, होगा अधिक मुनाफा

कई क्षेत्रों में किसानों ने धान की खेती के लिए खेत तैयार करना शुरू कर दिया है। हमारे देश में धान की कई किस्मों की खेती प्रमुखता से की जाती है, जिनमे संकर एवं बासमती किस्मे भी शामिल हैं। धान की संकर किस्मों की खेती करने से सामान्य किस्मों की तुलना में 10 से 12 प्रतिशत तक अधिक पैदावार प्राप्त किया जा सकता है। वहीं बासमती किस्में सुगंधित होती हैं। इसलिए धान की संकर एवं बासमती किस्मों की खेती करने वाले किसान अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। अगर आप भी करना चाहते हैं धान की खेती तो इसकी कुछ उन्नत संकर एवं बासमती किस्मों की जानकारी यहां से प्राप्त करें।

धान की संकर किस्में

  • पायनियर 29P38 : यह देर से पकने वाली किसम है। यह किस्म अधिक जल भराव वाले क्षेत्रों में खेती के लिए उपयुक्त है। इसके दानों का आकार गोल एवं मोटा होता है। यह किस्म ब्लाइट रोग के प्रति सहनशील है। फसल को तैयार होने में 145 से 150 दिनों का समय लगता है। प्रति एकड़ खेत से 38 क्विंटल तक पैदावार होती है।

  • पायनियर 25P31 : यह जल्दी तैयार होने वाली किस्मों में से एक है। इसके दाने पतले एवं खाने में स्वादिष्ट होता है। इस किस्म की फसल में रोगों के होने की संभावना कम होती है। फसल 115 से 120 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है। प्रति एकड़ भूमि में खेती करने पर 25 से 28 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं।

  • सिग्नेट बुलंद 5050 : इस किस्म की खेती करने पर फफूंद जनित रोगों के होने की संभावना कम होती है। इसके अलावा पत्ती लपेटक एवं तना छेदक कीटों के प्रकोप का खतरा भी कम होता है। पौधों की लम्बाई 105 से 110 सेंटीमीटर होती है। पौधों का तना मजबूत होता है इसलिए तेज हवाओं में पौधों के गिरने का खतरा कम होता है। इसके दानों का आकार लम्बा होता है। देश के लगभग सभी क्षेत्रों में इसकी खेती की जा सकती है। इस किस्म की फसल को तैयार होने में 90 से 105 दिनों का समय लगता है।

धान की बासमती किस्में

  • पूसा बासमती 1637 : इस किस्म की खेती बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा में प्रमुखता से की जाती है। प्रति एकड़ जमीन में खेती करने के लिए 6 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है। पौधे मध्यम लम्बाई के होते हैं। बालियां लम्बी और आकर्षक होती हैं। दाने लम्बे एवं कठोर होते हैं। किस्म 135 से 140 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है। प्रति एकड़ भूमि में खेती करने पर 25 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं।

  • पूसा बासमती 1509 : दिल्ली, पंजाब, हरियाणा में खेती के लिए यह उपयुक्त किसम है। पौधों की लम्बाई कम होती है। फलस्वरूप पैधों के गिरने की समस्या कम होती है। इसके दाने लम्बे होते हैं। फसल को पक कर तैयार होने में 115 से 120 दिनों का समय लगता है। प्रति एकड़ खेत से 20 से 22 क्विंटल तक उपज होती है।

इन किस्मों के अलावा हमारे देश में धन की कई अन्य किस्मों की खेती भी की जाती है। जिनमे पूसा बासमती 6, पूसा- 44, पी एन आर- 546, पी एन आर- 381, वल्लभ बासमती 22, मालवीय -105, आदि किस्में शामिल हैं।

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