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ड्रैगन फ्रूट की खेती कैसे करें?

ड्रैगन फ्रूट की खेती कैसे करें?

ड्रैगन फ्रूट को पिताया फल के नाम से भी जाना जाता है। यह कैक्टस प्रजाति का पौधा है। कैक्टस प्रजाति का होने के कारण पौधों को पानी की आवश्यकता कम होती है। बात करें इसके उपयोग की तो ड्रैगन फ्रूट को ताजे फलों की तरह खाया जाता है। इसके साथ ही इससे जैम, जेली, जूस, आइस क्रीम, वाइन एवं कई सौंदर्य प्रसाधन भी तैयार किए जाते हैं। इसकी खेती की बात करें तो थाइलैंड, वियतनाम, इज़राइल और श्रीलंका जैसे देशों में इसकी खेती प्रमुखता से की जाती है। हाल के कुछ वर्षों में भारत में भी इसकी खेती का प्रचलन बढ़ रहा है। आइए इसकी खेती से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियों पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।

ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी एवं जलवायु

  • इसकी खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी सर्वोत्तम है।

  • कम उपजाऊ भूमि या ऐसे क्षेत्र जहां पानी की कमी है वहां भी इसकी खेती सफलतापूर्वक की जा सकती है।

  • मिट्टी का पी.एच स्तर 5.4 से 7 होना चाहिए।

  • 20 से 30 डिग्री तापमान इसकी खेती के लिए उपयुक्त है।

  • यह मौसम में होने वाले परिवर्तन यानी तापमान में उतार-चढ़ाव के प्रति सहनशील है।

पौधों को लगाने का सही समय

  • वर्षा के मौसम में पौधों का विकास अच्छा होता है। इसलिए जून और जुलाई का महीना पौधों को लगाने के लिए सर्वोत्तम है।

  • यदि सिंचाई की उचित व्यवस्था है तो फरवरी-मार्च महीने में भी पौधों को लगाया जा सकता है।

  • प्रति एकड़ खेत में करीब 1,780 पौधे लगाए जा सकते हैं।

खेत तैयार करने की विधि

  • खेत में 1 बार गहरी जुताई करें।

  • इसके बाद 2 से 3 बार हल्की जुताई करें।

  • खेत की मिट्टी को भुरभुरी एवं समतल बनाने के लिए पाटा लगाएं।

  • इसके बाद 4 फिट व्यास और 1.5 फिट गहराई वाले गड्ढे तैयार करें।

  • सभी गड्ढों के बीच 3 मीटर की दूरी रखें।

सिंचाई की जानकारी

  • वर्षा के मौसम में सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है।

  • ठंड के मौसम में 15 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करें।

  • गर्मी के मौसम में 7 से 8 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करें।

हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको इस पोस्ट में दी गई जानकारी पसंद आई है तो हमारे पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसान मित्रों के साथ साझा भी करें। जिससे अधिक से अधिक किसान मित्र भी इस जानकारी का लाभ उठा सकें। कृषि संबंधी अधिक जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।

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