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चने की फसल में बढ़ रहा पत्ती छेदक कीट का प्रकोप, जानें नियंत्रण के तरीके
चने की फसल में बढ़ रहा पत्ती छेदक कीट का प्रकोप, जानें नियंत्रण के तरीके
चने की फसल में इन दिनों पत्ती छेदक कीट का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। फसल की सभी अवस्था में यानी पौधों के विकास के समय, पौधों में फूल आने के समय एवं फलियों में दाने बनने के समय इस कीट का प्रकोप होता है। कीट के प्रकोप का शुरूआती लक्षण नजर आने पर दवाओं का छिड़काव करने पर 70 से 80 प्रतिशत तक फसल को बचाया जा सकता है। आइए इस पोस्ट के माध्यम से हम चने की फसल को क्षति पहुंचाने वाले पत्ती छेदक कीट पर नियंत्रण की विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
पत्ती छेदक कीट से चने की फसल को होने वाले नुकसान
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शुरुआत में यह कीट पत्तों को खाते हैं। जिससे पत्तों में छेद नजर आने लगते हैं।
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पौधों में फलियां बनने के समय यह कीट फलियों में छेद कर के अंदर के दानों को खाते हैं। जिससे फलियां खोखली हो जाती हैं।
पत्ती छेदक कीट पर नियंत्रण के तरीके
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कीट की संख्या को बढ़ने से रोकने के लिए प्रति एकड़ भूमि में 4 से 5 फेरोमोन ट्रैप लगाएं।
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अगर संभव हो तो अंडों के समूह एवं इल्लियों को इकट्ठा कर के नष्ट कर दें।
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जैविक विधि से नियंत्रण के लिए प्रति एकड़ भूमि में 280 मिलीलीटर नीम के तेल को पानी में मिला कर छिड़काव करें।
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पौधों में फूल आने के समय क्यूनॉलफास प्रति लीटर पानी में 2.5 मिलीलीटर मैलाथियॉन 25 ईसी मिला कर छिड़काव करने से भी इस कीट पर नियंत्रण किया जा सकता है।
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