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डॉ. प्रमोद मुरारी
कृषि विशेषयज्ञ
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चाय की पत्ती : एक प्राकृतिक उर्वरक

चाय की पत्ती : एक प्राकृतिक उर्वरक

हानिकारक रसायनों से होने वाले दुष्प्रभाव के कारण किसान जैविक खेती की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। अब बात जैविक खेती की है तो पौधों में इस्तेमाल किए जाने वाले उर्वरक भी जैविक होने चाहिए। ऐसे में इस्तेमाल की हुई चाय की पत्ती जिसे हम अक्सर फेंक दिया करते हैं, यह जैविक खाद का एक बेहतर विकल्प है।

चाय कि पत्तियाों में नाइट्रोजन, खनिज, पोटेशियम, फास्फोरस, एंटीऑक्सीडेंट एवं कई अन्य सूक्ष्म पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसलिए यह पौधों के लिए एक बेहतरीन प्राकृतिक उर्वरक का काम करती है। इसके प्रयोग से पौधों में कई पोषक तत्वों की पूर्ति होती है।

अगर आप किचन गार्डनिंग भी करते हैं तो चाय बनाने के बाद इसकी पत्तियों को फेंकने की बजाय पानी से साफ कर के धूप में अच्छी तरह सूखा लें। इसके बाद इसका प्रयोग पौधों में प्राकृतिक खाद की तरह करें। इससे पौधों का अच्छा विकास होता है।

इसके अलावा चाय की पत्तियों को अन्य फलों के छिलके, पत्तियां, घास, आदि के साथ मिला कर उच्च गुणवत्ता की कम्पोस्ट खाद भी तैयार की जा सकती है।

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