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चाय की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु
चाय की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु
विश्व में सबसे ज्यादा चाय का उत्पादन चीन में किया जाता है। चाय के उत्पादन में भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। इसका सबसे ज्यादा निर्यात करने वाला देश श्रीलंका है। भारत में दार्जिलिंग , असम, कोलुक्कुमालै, पालमपुर, मुन्नार, नीलगिरि चाय की खेती के लिए प्रचलित हैं। चाय की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु , मिट्टी, इसमें होने वाले रोगों की जानकारी यहां से प्राप्त करें।
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चाय की खेती के लिए गर्म आद्र जलवायु सबसे उत्तम होती है।
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10 से 35 डिग्री तापमान में इसकी अच्छी पैदावार होती है।
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चाय के बगानों में जल निकास की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए।
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इसकी खेती के लिए 4.5 - 5.0 पी.एच वाली हल्की अम्लीय मिट्टी अच्छी मानी जाती है।
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बगानों में चाय के पौधों को लगाने के लिए अक्टूबर - नवंबर का महीना सबसे सही समय है।
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इसकी सिंचाई बारिश के माध्यम से होती है। बारिश कम या नहीं होने पर हर दिन फव्वारा विधि से सिंचाई करनी चाहिए।
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पौधों को लगाने के लगभग एक साल बाद पत्तियां तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती हैं।
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किसान वर्ष में 3 बार इसकी तुड़ाई कर के फसल प्राप्त कर सकते हैं।
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इसकी फसल में मुख्य रूप से लाल कीट, शैवाल, अंग मारी, गुलाबी रोग, फफोला, काला विगलन आदि रोग होते हैं।
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कॉपर सल्फ़ेट का छिड़काव कर के हमें इन रोगों से निजात मिल सकता है।
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प्रति हेक्टेयर बगान से लगभग 1800 से 2500 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर चाय प्राप्त किया जा सकता है।
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