पोस्ट विवरण
बुवाई से पहले करवाएं मिट्टी की जांच और बीमारियों से पाएं छुटकारा
बुवाई से पहले करवाएं मिट्टी की जांच और बीमारियों से पाएं छुटकारा
किसी भी फसल के उत्पादन के लिए मिट्टी का स्वस्थ्य रहना बहुत जरूरी है। पौधें के विकास के लिए 16 पोषक तत्वों आवश्यक होते हैं। फसल की उच्च पैदावार के लिए इनका संतुलित मात्रा में होना बहुत आवश्यक है। इसलिए खेती से पहले मिट्टी की जांच करना बहुत आवश्यक है। मिट्टी की जांच के अनुसार ही खेत में उर्वरकों का प्रयोग करें। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको मिट्टी की जांच का महत्व और कैसे जांच के लिए नूमना लेना है? इसकी जानकारी देंगे। तो जानने के लिए पढ़िए यह आर्टिकल।
मिट्टी की जांच का महत्व
-
मिट्टी में पोषक तत्वों की जानकारी के लिए जांच जरूरी है।
-
क्षारीय एवं अम्लीय मिट्टी के सुधार के लिए मिट्टी की जांच आवश्यक है।
-
फसल के अधिक उत्पन लेने के लिए यह महत्वपूर्ण है।
-
मिट्टी जनित रोगों का पता लगाने के लिए जांच आवश्यक है।
-
संतुलित व उचित उर्वरकों का उपयोग करने के लिए जांच जरूरी है।
-
बोई जाने वाली फसल का अनुमान पता करने के लिए भी जांच जरूरी है।
मिट्टी का नमूना लेने की विधि
-
मिटटी का नमूना हमेशा फसल की बुवाई से एक महीने पहले लें।
-
जिस खेत से नमूना लेना है, उसको ‘W’ के आकार में बांट लें।
-
अब ‘W’ के पांचो कोनो को चिन्हित कर लें।
-
अब इन स्थानों पर उगी हुए घास-फुस को हटा कर साफ सुथरा करें।
-
अब खुरपे या फावड़ी की मदद से चिन्हित स्थान पर ‘V’ आकार में गड्ढा खोदें।
-
छोटी जड़ की फसल के लिए 15 सेंटीमीटर गड्ढा खोदें।
-
गहरी जड़ एवं पेड़ वाली फसल उगानी है तो क्रमश: 30 सेंटीमीटर और 1 मीटर गहरा गड्ढा खोदें।
-
अब पांचों गड्ढे में से ‘V’ आकार में 1 से 1.5 सेंटीमीटर मोटाई में मिट्टी का टुकड़ा निकाल लें।
-
अब सभी नमूनों की मिट्टी को अच्छी तरह मिला लें।
-
अब मिट्टी को फैलाकर ‘+’ आकार में बांट लें।
-
इसके बाद विपरीत दिशाओं की दो भागों की मिट्टी को निकाल दें।
-
इस प्रिक्रिया को तब तक दोहराते रहें जब तक आपके पास 500 ग्राम मिट्टी बचें।
-
अब इस मिट्टी को साफ थैले या पॉलीथिन में डालें।
-
अब पर्ची में किसान का नाम, गांव, तहसील व खेत का खसरा नंबर, फसल आदि की जानकारी लिखें।
मिट्टी की जांच कहां करवाएं?
-
मिट्टी की जांच के लिए आप अपने नजदीकी कृषि विभाग के दफ्तर में जा सकते हैं।
-
अपने जिले की मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला में नमूना ले जाकर जांच करवा सकते हैं।
-
इसके अलावा मिट्टी जांच के लिए आप अपने नजदीकी देहात केंद्र से भी सम्पर्क कर सकते हैं।
-
आप चाहें तो देहात के टोल फ्री नंबर 0804-711-2919 पर भी सम्पर्क कर सकते हैं।
-
देहात के द्वारा आप बहुत कम कीमत में मिट्टी की जांच करा सकते हैं।
ध्यान देने योग्य बातें
-
खेत में ऊंची-नीची जगह से नमूना न लें।
-
पेड़ की जड़ के बिलकुल पास से मिट्टी का नमूना न लें।
-
हाल ही में छिड़के गए उर्वरक वाले खेत से मिट्टी का नमूना न लें।
-
खाद के कट्टे या बोरे में मिट्टी का नूमना न रखें।
-
जब मिट्टी में नमी बहुत कम हो तभी मिट्टी की जांच करें।
-
फसल की बुवाई से पहले मिट्टी की जांच करें।
-
प्रत्येक 3 से 4 वर्ष के अंतराल पर मिट्टी की जांच अवश्य करें।
यह भी पढ़ें :
आशा है कि यह जानकारी आपके लिए लाभकारी साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लाइक करें और अपने किसान मित्रों के साथ जानकारी साझा करें। जिससे अधिक से अधिक लोग इस जानकारी का लाभ उठा सकें और मिट्टी की समय पर जांच करा फसल से अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकें। इससे संबंधित यदि आपके कोई सवाल हैं तो आप हमसे कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं। कृषि संबंधी अन्य रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।
जारी रखने के लिए कृपया लॉगिन करें
फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ