हमारे देश में पोल्ट्री फार्मिंग से जुड़े ज्यादातर लोग मुर्गियां पालते हैं। मुर्गी पालन की तुलना में बतख पालन करने वाले अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। बतख पालन में लागत भी कम आती है और बतख मुर्गियों की तुलना में अंडे भी ज्यादा देती हैं। धान-गेहूं की खेती करने वाले किसान भी बतख पालन के द्वारा अपनी आय को बढ़ा सकते हैं। आइए जानते हैं बतख पालन के लिए कुछ आवश्यक बातें एवं इससे होने वाले लाभ के बारे में।
बतख पालन के लिए स्थान का चयन
इसके लिए शांत स्थान का चयन करना चाहिए।
प्रत्येक बतख को 1.5 वर्ग फुट जमीन की आवश्यकता होती है।
तालाब के आसपास की जगह बतखों को पालने के लिए सर्वोत्तम है।
यदि तालाब नहीं है क्या आप तालाब नहीं बनवा सकते हैं तो ऐसे में केवल 2 से 3 फुट गहरी एवं चौड़ी नालियां बनाकर भी बतखों को पाल सकते हैं।
बतखों का आहार
बतखों को प्रोटीन युक्त आहार की आवश्यकता होती है।
चूजों को 22 प्रतिशत तक पचने योग्य प्रोटीन देना चाहिए।
जब बतख अंडे देने वाली हो तब उन्हें केवल 18 से 20 प्रतिशत प्रोटीन युक्त आहार दें।
चूजों को टूटे हुए चावल के दानों को पानी में भिगोकर दे सकते हैं।
बतख पालन के लाभ
मुर्गियों की तुलना में बतख 2 गुना अधिक अंडे देती है।
वर्ष भर में एक बतख 280 से 300 तक अंडे देती है।
बतखों को बीमारियां भी कम होती है।
आहार में होने वाले खर्च मुर्गियों से कम होते हैं।
बतखों के प्रत्येक अंडे का वजन 65 से 70 ग्राम होता है।
बतख के अंडे एवं मांस की मांग बाजार में बनी रहती है।
हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसान मित्रों के साथ साझा भी करें। बतख पालन से जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
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