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बरसात में करें गेंदे की खेती और पाएं अधिक मुनाफा
बरसात में करें गेंदे की खेती और पाएं अधिक मुनाफा
भारत में धार्मिक और सामाजिक कार्यों में प्रयोग होने के कारण गेंदा एक प्रमुख फूलों वाली फसल है। गेंदा एक सुगंधित खुशबू और साज सजावट के रूप में प्रयोग होने के साथ औषधीय पौधे के रूप में भी अपनी पहचान बना चुका है। आंखों की बीमारी, श्वास की समस्या, कान के दर्द और खांसी जैसी समस्याओं के निवारण के लिए प्रयोग होने वाला यह पौधा अन्य कई प्रकार की दवाइयों में भी एक मुख्य तत्व के रूप में प्रयोग किया जाता है। यह फूल पीले, नारंगी जैसे आकर्षक रंगों केहोते हैं। भारत में मुख्यतः अफ्रीकी गेंदा और फ्रेंच गेंदा व्यावसायिक फसल के रूप में उगाया जाता है। अगर आप भी गेंदे की खेती कर अधिक लाभ कमाना चाहते हैं, तो खेती का समय, जलवायु और अन्य जानकारी यहां देखें।
गेंदे की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु
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गेंदे की खेती के लिए शीतोष्ण और समशीतोष्ण जलवायु उचित होती है।
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फूलों की बेहतर गुणवत्ता और विकास के लिए 14 से 28 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान होना चाहिए।
बिजाई का समय
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बरसात के मौसम में गेंदे की बुवाई जून से जुलाई के महीने में करें।
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सर्दियों में गेंदे की बुवाई के लिए मध्य सितंबर से मध्य अक्टूबर का समय उचित होता है।
गेंदे की खेती के लिए मिट्टी
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गेंदे की बुवाई के लिए बलुई दोमट मिट्टी का चयन करें।
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मिट्टी का पी.ए. मान 7 से 7.5 के मध्य होना चाहिए।
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मिट्टी जल निकासी युक्त होनी चाहिए।
बीज की बुवाई
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आखिरी जुताई के समय 250 क्विंटल रूड़ी की खाद और अच्छी तरह से सड़ी हुई गोबर की खाद मिट्टी में मिलाएं।
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नर्सरी में 3x1 मीटर आकार की क्यारियां तैयार करें और नमी बनाए रखने के लिए हल्की सिंचाई करें।
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इसके बाद सूखे फूलों के चूरे को क्यारियों में छिड़काव करें।
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जब पौधों का कद 10-15 सेंटीमीटर हो जाए, तब मुख्य खेत में पौधों की रोपाई करें।
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