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ब्रोकली की खेती कैसे करें
ब्रोकली की खेती कैसे करें
ब्रोकली गोभी वर्गीय सब्जियों में से एक है। इसके पौधे और फूल देखने में फूलगोभी की तरह होते हैं। इसके फूलों का रंग हरा , पीला और बैंगनी होता है। जिनमें हरे रंग की ब्रोकली सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। इसकी खेती से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां आप इस पोस्ट के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं।
खेती के लिए उपयुक्त समय
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ब्रोकली की खेती ठंड के मौसम में की जाती है।
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बीज के अंकुरण के लिए 20 से 25 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान होना बेहतर है।
मिट्टी एवं जलवायु
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इसकी खेती के लिए पर्याप्त मात्रा में जैविक खाद से भरपूर बलुई दोमट मिट्टी सर्वोत्तम है।
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हल्की रचना वाली मिट्टी में जैविक खाद मिलाकर इसकी खेती की जा सकती है।
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अच्छी पैदावार के लिए ठंड और आर्द्र जलवायु की आवश्यकता होती है।
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अधिक तापमान होने पर पौधों के विकास पर असर होता है साथ ही पत्ते पीले होने लगते हैं।
खेत की तैयारी एवं उर्वरक
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खेत तैयार करते समय सबसे पहले मिट्टी पलटने वाली हल से 1 बार गहरी जुताई करें।
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इसके बाद कल्टीवेटर या देशी हल से 2-3 बार हल्की जुताई करके मिट्टी को भुरभुरी व खेत को समतल बना लें।
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प्रत्येक जुताई के बाद खेत में नमी की मात्रा संतुलित रखने के लिए हल्की सिंचाई करें।
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अंतिम जुताई के समय खेत में जैविक खाद या सड़ी हुई गोबर की खाद मिलाएं।
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इसके साथ ही प्रति एकड़ खेत में 20 किलोग्राम नाइट्रोजन, 40 किलोग्राम फास्फोरस और 20 किलोग्राम पोटाश मिलाएं।
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पौधों की रोपाई के लिए खेत में क्यारियां बना लें।
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पौध रोपाई में क्यारियों के बीच 50-60 सेंटीमीटर एवं पौधे से पौधे की करीब 45 सेंटीमीटर दूरी रखें।
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पौधों की रोपाई के लिए शाम का समय सबसे बेहतर होता है इसलिए पौधों की रोपाई शाम के समय करें।
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रोपाई करते समय रोगी / रोग ग्रस्त व कमजोर पौधे निकाल कर फेंक दें तथा स्वस्थ पौधों का चयन करें।
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रोपाई के बाद हल्की सिंचाई करनी चाहिए।
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पौधों की रोपाई के एक महीने बाद खेत में 20 किलोग्राम नाइट्रोजन प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।
सिंचाई एवं खरपतवार नियंत्रण
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खेत में हर 8 से 10 दिनों के अंतराल पर हल्की सिंचाई करें।
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खरपतवार पर नियंत्रण के लिए कुछ समय के अंतराल पर निराई-गुड़ाई करते रहें।
पैदावार
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ब्रोकली की फसल को तैयार होने में 60 से 70 दिनों का समय लगता है।
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प्रति एकड़ खेत से लगभग 5 से 6 टन ब्रोकली की पैदावार होती है।
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