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भिंडी की फसल में पिस्सू भृंग से बचाव
भिंडी की फसल में पिस्सू भृंग से बचाव
पिस्सू भृंग कीट को फ्ली बीटल नाम से भी जाना जाता है। यह कीट भिंडी की फसल को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं। भिंडी के अलावा खीरा, पत्तागोभी, मटर, आलू, सेम, बैंगन, टमाटर, मक्का, प्याज, शिमला मिर्च, कद्दू, उड़द, सोयाबीन, केला, आदि कई फसलों पर इनका प्रकोप होता है। वर्षा ऋतू में इस कीट का प्रकोप सबसे अधिक होता है। पिस्सू भृंग के प्रकोप से 25 से 60 प्रतिशत तक फसल नष्ट हो सकती है। इस कीट से भिंडी की फसल को होने वाले नुकसान एवं बचाव के उपाय यहां से देखें।
कीट की पहचान
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यह कीट आकर में छोटे, करीब 4 मिलीमीटर के होते हैं।
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इनका रंग काला होता है और देखने में यह अंडाकार होते हैं।
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कई बार यह थोड़े चमकदार से नजर आते हैं।
कीट के प्रकोप का लक्षण
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यह कीट पत्तियों को खा कर उनमे छोटे-छोटे छेद बना देते हैं।
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कुछ समय बाद पूरी पत्तियां जालीदार हो जाती हैं।
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प्रकोप बढ़ने पर यह कीट फलों में भी सुरंग बनाने लगते हैं।
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दिन के समय मिट्टी में रहने वाले यह कीट रात के समय अधिक सक्रिय होते हैं।
रोकथाम के उपाय
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कीट को आकर्षित करने के लिए ट्रैप का प्रयोग करें।
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प्रति एकड़ खेत में 1 किलोग्राम बेवेरिया बेसियाना का छिड़काव करें।
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प्रति एकड़ खेत में 120 ग्राम थियामेथोक्सम 30 एफ.एस का छिड़काव करने से भी इस कीट से निजात पाया जा सकता है।
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इसके अलावा आप प्रति एकड़ जमीन में 50 मिलीलीटर फेनवेलरेट 20 प्रतिशत का भी छिड़काव कर सकते हैं।
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