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भिंडी
डॉ. प्रमोद मुरारी
कृषि विशेषयज्ञ
3 year
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भिंडी की फसल को बचाएं फल छेदक कीट से

भिंडी की फसल को बचाएं फल छेदक कीट से

भिंडी की फसल को फल छेदक कीट के प्रकोप से भारी क्षति पहुंचती है। वर्षा ऋतू में इस कीट का प्रकोप अधिक होता है। भिंडी की खेती किए जाने वाले लगभग सभी क्षेत्रों में फल छेदक कीट का प्रकोप होता है। अगर आप भी कर रहे हैं भिंडी की खेती और फल छेदक कीट से हैं परेशान तो इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें। यहां से आप इस कीट के प्रकोप का लक्षण के साथ नियंत्रण के तरीके भी देख सकते हैं।

फल छेदक कीट के प्रकोप का लक्षण

  • शुरुआत में इस कीट की इल्लियां पौधे के कोमल तने में छेद करती हैं।

  • जिससे तना एवं पौधों का ऊपरी भाग सूखने लगता है।

  • पौधों में फल आने के बाद यह कीट फलों में छेद कर के उसे अंदर से खाते हैं।

  • फलों का आकार टेढ़ा-मेढ़ा हो जाता है और भिंडी के फल उपयोग के योग्य नहीं रहते हैं।

  • प्रकोप बढ़ने पर फल एवं फूल विकसित होने से पहले ही झड़ने लगते हैं।

फल छेदक कीट पर कैसे करें नियंत्रण?

  • प्रभावित हिस्सों को पौधों से अलग कर के नष्ट कर दें।

  • प्रति एकड़ खेत में 6 से 8 फेरोमोन ट्रैप लगाएं।

  • जैविक तरीके से नियंत्रण के लिए प्रति लीटर पानी में 5 मिलिटर नीम का तेल मिला कर छिड़काव करें।

  • फल छेदक कीट पर पूर्ण रूप से नियंत्रण प्राप्त करने के लिए 150 लीटर पानी में 50 मिलीलीटर देहात कटर मिला कर छिड़काव करें।

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हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अन्य किसान मित्र भी भिंडी की फसल को फल छेदक कीट से बचा सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।

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