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भिंडी मे सफ़ेद मक्खी का प्रकोप और रोकथाम के पुख्ता उपाय
भिंडी मे सफ़ेद मक्खी का प्रकोप और रोकथाम के पुख्ता उपाय
सफ़ेद मक्खी की पहचान
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सफेद मक्खी अत्यंत सूक्ष्म आकार का कीट है।
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ये कीट पत्तियों की निचली सतह पर झुंड के रूप में पाए जाते हैं।
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कीट का लार्वा हरे से पीले रंग का और अंडाकार होता है।
फसल में होने वाले नुकसान
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सफेद मक्खी के द्वारा पत्तियों का रस चूसने पर पौधों का विकास रुक जाता है और पौधा सूख जाता है।
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यह कीट अधिक गर्मी और अधिक आर्द्रता वाले वातावरण में तेजी से बढ़ता है।
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इस कीट के कारण मोजेक वायरस जैसे खतरनाक रोग का संक्रमण तेजी से फैल जाता है।
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कीट के प्रकोप से पत्तियां पीली और ऊपर की ओर मुड़ी हुई दिखाई देती है।
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कीट पौधों की पत्तियों और फूलों पर एक चिपचिपा पदार्थ छोड़ती है। जिससे पौधों पर फफूंद जैसे धब्बे बन जाते हैं।
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कीट के प्रकोप से फसल की गुणवत्ता और उपज कम हो जाती है।
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पौधों में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया बाधित हो जाती है और पौधे अपना भोजन नहीं बना पाते हैं।
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अधिक प्रकोप होने पर पौधे सूख कर गिर जाते हैं।
रोकथाम के उपाय
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भिंडी में सफेद मक्खी की रोकथाम के लिए 300 से 500 मिलीलीटर मैलाथियान 50 ई.सी. को 200-300 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ की दर छिड़काव करें।
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भिंडी को कपास के पास न लगाएं। क्योंकि कपास में इस कीट का प्रकोप सबसे अधिक देखा जाता है।
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खेत में खरपतवार न उगने दें।
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5 ग्राम इमिडाक्लोप्रिड 70 डब्ल्यू. एस. या 5.7 ग्राम क्रूजर 35 एफ.एस. से प्रति किलोग्राम भिंडी के बीजों का उपचार करें।
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डाइमेथोएट कीटनाशक की 1 मिलीलीटर मात्रा का एक लीटर पानी में घोल बनाकर पौधों पर छिड़काव करें।
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भिंडी में सफेद मक्खी के प्रकोप की प्रारंभिक अवस्था में नीम तेल 300 पीपीएम 1 लीटर प्रति एकड़ 200 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। खेत की निगरानी करते रहें और कीट दिखने पर एक हफ्ते बाद दोबारा छिड़काव करें।
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अधिक प्रकोप की अवस्था में सफेद मक्खी के नियंत्रण के लिए डायफेन्थुरान 50% डब्ल्यु.पी. की 240 ग्राम मात्रा प्रति एकड़ 200 लीटर पानी या एसिटामिप्रिड़ 20 % की 40 ग्राम मात्रा प्रति एकड़ 200 लीटर पानी में घोलकर छिडकाव करें। साथ ही 5 - 6 पीले चिप चिपे ट्रैप प्रति एकड़ की दर से लगाएं।
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