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कल्पना
कृषि विशेषयज्ञ
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भारत में पैदा होने वाली विभिन्न प्रकार की तुलसी

भारत में पैदा होने वाली विभिन्न प्रकार की तुलसी

औषधीय गुणों से भरपूर तुलसी धार्मिक एवं वैज्ञानिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। मान्यताओं के अनुसार तुलसी को लक्ष्मी मान कर पूजा की जाती है, वहीं वैज्ञानिकों के अनुसार घर-आंगन में तुलसी लगाने से हवा स्वच्छ होती है। तुलसी के सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी वृद्धि होती है। साथ ही इसकी पत्तियों एवं अर्क का प्रयोग आयुर्वेदिक दवाओं में भी किया जाता है। ऐसे में तुलसी की खेती किसानों के लिए मुनाफे का सौदा साबित हो सकती है। अगर आप भी तुलसी की खेती कर अधिक मुनाफा कमाना चाहते हैं तो तुलसी की खेती से पहले आपको इसकी विभिन्न किस्मों की जानकारी अवश्य होनी चाहिए ।

तुलसी कितने प्रकार की होती है?

हमारे देश में लगभग 10 प्रकार की तुलसी होती है। इसमें श्याम तुलसी, राम तुलसी, श्वेत तुलसी, लक्ष्मी तुलसी, भू तुलसी, नील तुलसी, रक्त तुलसी, वन तुलसी, ज्ञान तुलसी, नींबू तुलसी शामिल है। आइए जानते हैं तुलसी की कुछ प्रमुख किस्मों की विशेषताओं के बारे में।

तुलसी की प्रमुख किस्मों की विशेषताएं

  • श्याम तुलसी : यह काली तुलसी एवं कृष्ण तुलसी के नाम से भी प्रसिद्ध है। इस किस्म के पौधों का तना एवं पत्ते जमुनी रंग के होते हैं। यह अन्य किस्मों की तुलना में अधिक गुणकारी है। इसकी शाखाएं 1 से 3 फिट लम्बी एवं पत्ते 1 से 2 इंच लम्बे होते हैं। कफ एवं अन्य रोगों से निजात पाने के लिए इसका सर्वाधिक प्रयोग किया जाता है।

  • राम तुलसी : इस किस्म के पौधों की पत्तियां हल्के हरे रंग की होती हैं एवं टहनियां सफेद से हल्के हरे रंग की होती हैं। त्वचा संबंधी रोगों में इसका अधिक प्रयोग किया जाता है।

  • श्वेत तुलसी : इस किस्म को विष्णु तुलसी के नाम से भी जाना जाता है। इसका प्रयोग बच्चों के कफ, खांसी, जुकाम, आदि में किया जाता है।

  • वन तुलसी : इसे जंगली तुलसी और तुलसी बर्बरी भी कहते हैं। इस किस्म के पौधों की लम्बाई 60 से 90 सेंटीमीटर होती है। इसके पौधों में वर्ष भर फूल और फल लगे रहते हैं। फूल सुगंधित होने के साथ सफेद, गुलाबी या बैंगनी रंग के होते हैं।

  • नींबू तुलसी : इस किस्म में तुलसी एवं लेमन ग्रास दोनों के गुण मौजूद होते हैं। इस किस्म की तुलसी की पत्तियां नींबू की तरह सुगंधित होती हैं एवं इसमें विटामिन ए प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है।

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