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कृषि यंत्र
डॉ. प्रमोद मुरारी
कृषि विशेषयज्ञ
2 year
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बेलर : खेत को पराली मुक्त बनाए सिर्फ एक घंटे में

बेलर : खेत को पराली मुक्त बनाए सिर्फ एक घंटे में

धान की फसल की कटाई के बाद किसानों के लिए पराली के अवशेष हमेशा ही एक बड़ी मुसीबत रहे हैं। किसान धान की फसल पकने के बाद फसल का ऊपरी हिस्सा काट लेते हैं और अगली फसल के लिए खेत की तैयारी की जल्दी में बचे हुए अवशेष को जला देते हैं। पराली जलाने की विधि सालों से पर्यावरण को प्रदूषित करने का एक बड़ा हिस्सा माना जाता रहा है, जिससे बचने के लिए सरकार द्वारा इस विधि को बेलर जैसी मशीनों के साथ प्रतिस्थापित किए जाने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। किसानों को बेलर मशीन से होने वाले फायदे और उसके प्रकारों से जुड़ी जानकारी यहां से देखें।

क्या है बेलर मशीन?

  • बेलर एक कृषि यंत्र है, जो खेतों से पराली को इकट्ठा कर छोटे-छोटे गट्ठर बनाने में सक्षम है। इससे केवल एक घंटे में एक एकड़ खेत से पराली हटाया जा सकता है।

  • इस मशीन के द्वारा गट्ठर आयताकार, बेलनाकार आदि स्वरूप में बनाए जा सकते हैं, जो तार, जाल, स्ट्रिपिंग या सुतली से बंधी हुई होती है।

बेलर मशीन के लाभ

  • बेलर मशीन खेतों से बहुत ही कम समय में पराली हटाने के अनुरूप बनाया गया है।

  • बेलर मशीनों से श्रमिक आय और श्रम दोनों को ही कम किया जा सकता है।

  • यह छोटे-छोटे गट्ठर बनाने में सक्षम है, जो आसानी से उठाए जा सकते हैं।

  • बेलर मशीन के द्वारा गट्ठरों को अलग-अलग आकार में बनाया जा सकता है।

  • जलाए जाने वाले फसल के अवशेषों को पूर्ण रूप से बचाया जा सकता है।

  • बेलर मशीन गट्ठरों को बांधने में भी सक्षम है।

बेलर मशीन के कुछ मुख्य प्रकार

  • स्क्वायर बेलर मशीन : इस प्रकार की बेलर का उपयोग पराली के चौकोर आकार के गट्ठर बनाने के लिए किया जाता है।

  • राउंड बेलर मशीन : इस प्रकार की मशीन से गोल गट्ठर बनाए जाते हैं।

  • दो रैम बेलर: दो रैम बेलर, जिन्हें टू-सिलेंडर बेलर के रूप में भी जाना जाता है, बेलिंग मशीन है जो दो हाइड्रोलिक सिलेंडरों का उपयोग करके गट्ठर बनाती है। दो रैम बेलर आमतौर पर सिंगल रैम बेलर की तुलना में ठोस और घने गट्ठर बनाता है।

बेलर मशीन के फीचर्स और सहायक उपकरण

  • बेलर मशीन में हाइड्रोलिक सिलेंडर लगे हुए होते हैं, जो पराली को छोटे से छोटे गट्ठर बनाने में सक्षम है।

  • इसमें मोटर, तार, नाली और कूलिंग पंखे शामिल हैं। मोटर पंप को चलाती है, आमतौर पर एक गियरबॉक्स द्वारा जुड़े हुए होते हैं।

  • इसमें एक तेल फिल्टर लगा हुआ होता है, जो हाइड्रोलिक सिस्टम की सफाई बनाए रखता है।

  • मशीन में प्रॉक्सिमिटी स्विच, फोटो-आई, लिमिट स्विच या लीनियर पोटेंशियोमीटर शामिल हैं। ये गांठों की गति या मशीन के पुर्जों की सापेक्ष स्थिति का पता लगाते हैं। यह बेलर को स्वचालित रूप से संचालित करने में भी सक्षम है।

  • मशीन में लगा टिप पैन बेलर में लगी एक सामान्य प्री-स्टेजिंग मशीन है। यह हिस्सा एक स्टेजिंग हॉपर बनकर लोडिंग प्रक्रिया में सहायता करता है

  • मशीन में बेल चैंबर की मदद से गठरी को आकार दिया जाता है।

  • इसमें ब्लैक एनील्ड वायर लगा हुआ है जहां तार एक एनीलिंग प्रक्रिया से गुजरता है। इसमें तार को एक विशिष्ट दर के लिए गर्म और ठंडा किया जाता है जिससे तार अधिक लचीला हो जाता है।

यह भी देखें:

ऊपर दी गयी जानकारी पर अपने विचार और कृषि संबंधित सवाल आप हमें कमेंट बॉक्स में लिख कर भेज सकते हैं। यदि आपको आज के पोस्ट में दी गई जानकारी पसंद आई हो तो इसे लाइक करें और अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करें। जिससे अधिक से अधिक किसान इस जानकारी का लाभ उठा सकें। साथ ही कृषि संबंधित ज्ञानवर्धक और रोचक जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।

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