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बेहतर उत्पादन के लिए मार्च महीने में इस तरह करें लीची की देखभाल
बेहतर उत्पादन के लिए मार्च महीने में इस तरह करें लीची की देखभाल
कई बार लीची के पौधों में मंजर तो बहुत आते हैं लेकिन फलों की उपज में कमी आ जाती है। इसके कई कारण होते हैं। जिनमें रोग एवं कीटों का प्रकोप, मंजरों का झड़ना, आदि शामिल है। यदि आप लीची की खेती कर रहे हैं तो लीची के बेहतर उत्पादन के लिए इस महीने किए जाने वाले कार्यों की जानकारी यहां से प्राप्त करें।
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मंजर निकलने के 15 दिनों बाद प्रति लीटर पानी में 2 ग्राम देहात फुल स्टॉप मिलाकर छिड़काव करें।
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इसके अलावा आप प्रति लीटर पानी में 1 ग्राम कंटाफ प्लस या प्रति लीटर पानी में 2 ग्राम साफ नामक दवा मिलाकर भी छिड़काव कर सकते हैं।
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मंजरों में फल लगने के 7 से 10 दिनों बाद 15 लीटर पानी में 5 मिलीलीटर प्लानोफिक्स मिलाकर छिड़काव करें। इससे फलों के झड़ने की समस्या से राहत मिलती है।
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जब फलों का आकार मसूर या लांग के दाने जितना हो जाए तब फल बेधक कीट पर नियंत्रण के लिए 15 लीटर पानी में 5 मिलीलीटर देहात कटर मिलाकर छिड़काव करें।
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इसके अलावा प्रति लीटर पानी में 5 मिलीलीटर नीम के तेल मिलाकर छिड़काव करने से भी फल बेधक कीट पर नियंत्रण किया जा सकता है।
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इस महीने लीची के वृक्ष एवं छोटे पौधों में पत्ती लपेटक कीट का प्रकोप अधिक होता है। इस कीट पर नियंत्रण के लिए प्रति लीटर पानी में 2 ग्राम जंप या प्रति लीटर पानी में 1 ग्राम कराटे मिलाकर छिड़काव करें।
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पत्ती लपेटक कीट का प्रकोप बढ़ने पर 10 दिनों के अंतराल पर दवाओं का दोबारा छिड़काव कर सकते हैं।
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लीची के मंजरों को फफूंद जनित रोगों से बचाने के तरीके जानने के लिए यहां क्लिक करें।
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