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तरबूज
कल्पना
कृषि विशेषयज्ञ
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बेहतर पैदावार के लिए इस तरह करें तरबूज की बुवाई

बेहतर पैदावार के लिए इस तरह करें तरबूज की बुवाई

तरबूज की खेती जायद मौसम में प्रमुखता से की जाती है। मीठे, रसीले एवं स्वादिष्ट फलों के कारण बच्चे हो या बड़े, सभी बहुत चाव से खाते हैं। यदि इस मौसम आप करना चाहते हैं तरबूज की खेती तो विभिन्न क्षेत्रों में इसकी बुवाई की विधि यहां से देख सकते हैं।

मैदानी क्षेत्रों में बुवाई की विधि

  • मैदानी क्षेत्रों में खेत में मेड़ें तैयार कर के या उथला गड्ढा तैयार कर के बुवाई की जाती है।

  • यदि आप उथला गड्ढा विधि से बुवाई करना चाहते हैं तो इसके खेत में 1.5 से 2.5 मीटर की दूरी पर 60 सेंटीमीटर चौड़े एवं 45 सेंटीमीटर गहरे गड्ढे तैयार करें।

  • इन गड्ढों को 7 से 8 दिनों तक खुला रहने दें।

  • इसके बाद इसमें मिट्टी, बालू एवं गोबर की खाद को बराबर मात्रा में मिला कर भरें।

  • अब 2 से 3 सेंटीमीटर की गहराई में 3-4 बीज की बुवाई करें।

  • अंकुरण के बाद प्रति गड्ढे में 2 पौधों को छोड़ कर अन्य पौधों को निकाल दें।

  • यदि मेड़ें बना कर बुवाई करना चाहते हैं तो 2.5 से 3.0 मीटर की दूरी पर 40 से 50 सेंटीमीटर चौड़ी मेड़ें तैयार करें।

  • मेड़ों के दोनों किनारों पर 60 सेंटीमीटर की दूरी पर 2 से 3 बीज की बुवाई करें।

पहाड़ी क्षेत्रों में बुवाई की विधि

  • पहाड़ी क्षेत्रों में इसकी बुवाई ऊंची उठी हुई क्यारियों पर की जाती है।

  • बुवाई के लिए सबसे पहले 2.50 मीटर की ऊंचाई पर क्यारियां तैयार करें।

  • क्यारियों के दोनों तरफ बीज की बुवाई करें।

  • बीज की बुवाई 3 से 4 सेंटीमीटर की गहराई में करें।

नदी के किनारे वाले क्षेत्रों में बुवाई की विधि

  • इसके लिए सबसे पहले 1.15 मीटर की दूरी पर गड्ढे तैयार करें।

  • गड्ढों की चौड़ाई 60 सेंटीमीटर एवं गहराई 60 सेंटीमीटर रखें।

  • सभी गड्ढों में मिट्टी, बालू एवं गोबर की खाद को बराबर मात्रा में मिला कर भरें।

  • सभी गड्ढों में 3-4 बीज की बुवाई करें।

  • अंकुरण के बाद प्रति गड्ढे में 2 पौधों को छोड़ कर अन्य पौधों को निकाल दें।

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हमें उम्मीद यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसान मित्रों के साथ साझा भी करें। तरबूज की खेती से जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।

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