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डॉ. प्रमोद मुरारी
कृषि विशेषयज्ञ
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बेबी कॉर्न की बेहतर पैदावार के लिए इस तरह से करें खेत तैयार

बेबी कॉर्न की बेहतर पैदावार के लिए इस तरह से करें खेत तैयार

बाजार में बेबी कॉर्न की मांग बढ़ती ही जा रही है। खासकर मार्च से मई महीने तक बाजार में बेबी कॉर्न की मांग ज्यादा देखने को मिलती है। इसकी खेती सालभर में 3 से 4 बार कर सकते हैं। पौधों में बेबी कॉर्न तैयार होने में करीब 60 से 65 दिनों का समय लगता है। इसको देखते हुए किसानों का रुझान इसकी फसल की तरफ बढ़ रहा है। बेबी कॉर्न मक्के के भुट्टे की पहली स्टेज होती है, जहां भुट्टे के बनने से पहले ही इसे कोमल अवस्था में तोड़ लिया जाता है। किसानों को इसकी खेती की पूरी जानकारी न होना फसल के उत्पादन और गुणवत्ता पर प्रभाव डाल सकता है। तो चलिए जानते हैं कैसे इसकी खेती के लिए खेत तैयार करते हैं, कितनी मात्रा में बीज लेनी है और कब इसकी सिंचाई करनी है? आपके इन सभी सवालों का जवाब हम दे रहे हैं इस आर्टिकल के माध्यम से।

बुवाई का समय

  • उत्तरी भारत में बेबी कॉर्न की बुवाई दिसंबर और जनवरी के महीने को छोड़कर पूरे साल की जाती है।

  • जनवरी के आखिरी सप्ताह में इसकी बुवाई अच्छी रहती है।

  • दक्षिण भारत में मौसम को देखते हुए इसकी खेती पूरे साल की जा सकती है।

बीज की मात्रा

  • बुवाई के लिए 16 किलोग्राम बीज प्रति एकड़ की दर से प्रयोग करना चाहिए।

खेत तैयार करना

  • सबसे पहले खेत की मिट्टी को पलट कर जुताई करें।

  • इसके बाद 2 से 3 जुताई देशी हल या कल्टीवेटर से करें और पाटा लगा कर भूमि को समतल करें।

  • अब खेत में मेड़ बना लें और इनकी चौड़ाई 1 फीट रखें।

  • खेत में अच्छे से पलेवा करें, जिससे बुवाई के समय मिट्टी में नमी बनी रहें।

  • बुवाई से पहले खेत में 48 किलोग्राम नाइट्रोजन, 24 किलोग्राम फास्फोरस व 16 किलोग्राम पोटाश का प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।

बुवाई का तरीका

  • बुवाई के लिए मेड़ों पर लगने वाले दो पौधे के बीच की दूरी 15 सेंटीमीटर और पौधे की लाइन के बीच की दूरी 45 सेंटीमीटर होनी चाहिए।

  • बुवाई करते समय बीज को 3 से 4 सेंटीमीटर की गहराई में बोना चाहिए।

  • मेड़ों की दिशा पूरब से पश्चिम की ओर होनी चाहिए।

सिंचाई का समय

  • फसल में पहली सिंचाई बुवाई से पहले करें। इससे बीज के अंकुरित होने के लिए मिट्टी में नमी बनी रहती है।

  • बुवाई के 15 से 20 दिन बाद जब पौधों की लम्बाई 10 से 12 सेंटीमीटर हो जाए तब सिंचाई करें।

  • गर्मियों की फसल में 8 से 10 दिन के अंतराल पर सिंचाई करते रहें।

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आशा है कि यह जानकारी आपके लिए लाभकारी साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लाइक करें और अपने किसान मित्रों के साथ जानकारी साझा करें। जिससे अधिक से अधिक लोग इस जानकारी का लाभ उठा सकें और बेबी कॉर्न की खेती के लिए खेत को सही से तैयार कर फसल से अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकें। इससे संबंधित यदि आपके कोई सवाल हैं तो आप हमसे कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं। कृषि संबंधी अन्य रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।

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