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बैंगन : पत्ती लपेटक कीट से बचाव
बैंगन : पत्ती लपेटक कीट से बचाव
बैंगन के पौधों में पत्ती लपेटक कीट के प्रकोप के कारण फसल की पैदावार में भारी गिरावट आ सकती है। ऐसे में किसानों को मुनाफे की जगह नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। बैंगन में पत्ती लपेटक कीट से होने वाले नुकसान से बचने के लिए हम यहां कुछ दवाओं के नाम एवं प्रयोग की मात्रा बता रहे हैं।
प्रकोप का लक्षण
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यह कीट पौधों की कोमल पत्तियों पर सबसे पहले आक्रमण करते हैं।
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यह कीट अपने लार के द्वारा धागा बना कर पत्तियों को किनारे से मोड़ने लगते हैं।
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फिर यह मुड़ी हुई पत्तियों को अंदर से खुरच कर खाने लगते हैं।
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इससे पौधों के विकास में बाधा आती है। फलस्वरूप फसल की उपज में भी कमी होती है।
बचाव के उपाय
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यह कीट पत्तियों पर समूह में अंडे देते हैं। यदि संभव हो तो इन पत्तियों को तोड़ कर नष्ट कर दें।
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इस तरह के कीट पहले खरपतवार पर पनपते हैं। इसलिए खरपतवार पर नियंत्रण रखें।
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पौधों की रोपाई के करीब 15-20 दिनों बाद फिप्रोनिल 0.3 प्रतिशत दानेदार का प्रति एकड़ 8-10 किलोग्राम प्रयोग करें।
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हमें उम्मीद है इस पोस्ट में बताई गई दवाओं के प्रयोग से आप बैंगन के पौधों को पत्ती लपेटक कीट से बचा सकते हैं। अगर आपको यह जानकारी महत्वपूर्ण लगी है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
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