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बैंगन : फल सड़न रोग से बचाव के सटीक उपाय
Author : Soumya Priyam

बैंगन के पौधों में कई तरह के रोग होते हैं। जिनमें फल सड़न रोग भी शामिल है। इस रोग के कारण बैंगन के फलों की गुणवत्ता एवं पैदावार में भारी कमी आती है। इस रोग के लक्षण पत्तियों और बैंगन के फलों पर दिखाई देते हैं। अगर आप भी करना चाहते हैं बैंगन की खेती तो पैधों की इस घातक रोग के लक्षण एवं पौधों को इससे बचाने के तरीकों की जानकारी होना आवश्यक है। आइए इस विषय में विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
फल सड़न रोग के लक्षण
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रोग से प्रभावित पौधों की पत्तियों पर भूरे रंग के धब्बे उभरने लगते हैं।
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बैंगन के फलों पर भी भूरे, मुलायम, गीले एवं सिकुड़े हुए धब्बे नजर आने लगते हैं।
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धीरे-धीरे फलों के सड़े हुए भाग पर सफेद रंग के कवक से दिखने लगते हैं।
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रोग बढ़ने के साथ धब्बों के आकार में भी वृद्धि होती है।
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पौधों में लगे फूल काले हो कर सूखने लगते हैं।
फल सड़न रोग पर नियंत्रण के तरीके
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इस रोग को फैलने से रोकने के लिए रोग से प्रभावित पत्तियों, फलों एवं फूलों को तोड़ कर नष्ट करें।
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इस रोग पर नियंत्रण के लिए 15 लीटर पानी में 25 से 30 ग्राम देहात फुलस्टॉप दवा मिला कर छिड़काव करें।
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इसके अलावा आप प्रति लीटर पानी में 2 ग्राम मैंकोज़ेब या जिनेब मिला कर भी छिड़काव कर सकते हैं।
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आवश्यकता होने पर 15 दिनों के अंतराल पर 2 से 3 छिड़काव कर सकते हैं।
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हमें उम्मीद है इस पोस्ट में दी गई जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यहां बताई गई दवाओं के प्रयोग से आप बैंगन के पौधों को फल सड़न रोग से आसानी से बचा सकते हैं। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अधिक से अधिक किसान मित्र इस जानकारी का लाभ उठा सकें। इससे जुड़े सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
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7 October 2021
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