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बैंगन की फसल में रस चूसक कीटों पर नियंत्रण के सटीक उपाय
बैंगन की फसल में रस चूसक कीटों पर नियंत्रण के सटीक उपाय
बैंगन की फसल में सफेद मक्खी, माहू, चोपा, लाल मकड़ी, जैसिड, आदि का प्रकोप होता है। रस चूसक कीटों के कारण बैंगन की गुणवत्ता में कमी आ जाती है। बैंगन की बेहतर पैदावार के लिए इन कीटों पर नियंत्रण करना बहुत जरूरी है। आइए इस पोस्ट के द्वारा बैंगन की फसल को रस चूसक कीटों पर नियंत्रण की जानकारी प्राप्त करें।
बैंगन की फसल में रस चूसक कीटों से होने वाले नुकसान
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माहू : यह कीट पौधों की कोमल पत्तियों का रस चूस कर फसल को नष्ट करते हैं। माहू कीट पर नियंत्रण के लिए 15 लीटर पानी में 10 ग्राम अरेवा 25 प्रतिशत मिला कर छिड़काव करें।
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लाल मकड़ी : यह पत्तों के नीचे जाल फैलाती है और पत्तों का रस चूसती है। जिससे पत्ते लाल रंग के दिखने लगते हैं। इस कीट पर नियंत्रण के लिए प्रति लीटर पानी में 2 मिलीलीटर नीम युक्त कीटनाशक जैसे निम्बेसिडिन या नीमोल नीमगोल्ड मिला कर छिड़काव करें।
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जैसिड : यह कीट पत्तों के नीचे लग कर उसका रस चूसते हैं। इससे पत्तियां पीली और पौधे कमजोर हो जाते हैं। इस कीट पर नियंत्रण के लिए 15 लीटर पानी में 7 ग्राम टाटामिडा मिलाकर छिड़काव करें।
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सफेद मक्खी : सफेद मक्खियां पत्तियों का रस चूसती हैं। जिससे पत्तियां सिकुड़ जाती हैं। इसके अलावा यह वायरस रोगों को एक पौधे से दूसरे पौधों में फैलाने का काम भी करती हैं। सफेद मक्खियों पर नियंत्रण के लिए 150 लीटर पानी में 50 मिलीलीटर देहात हॉक मिलाकर छिड़काव करें।
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