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बैंगन
डॉ. प्रमोद मुरारी
कृषि विशेषयज्ञ
2 year
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बैंगन की फसल में ऐसे करें अर्ली ब्लाइट रोग पर नियंत्रण

बैंगन की फसल में ऐसे करें अर्ली ब्लाइट रोग पर नियंत्रण

बैंगन की फसल में अर्ली ब्लाइट रोग का प्रकोप अधिक होता है। यह एक फफूंद जनित रोग है। हवा के साथ यह रोग अन्य पौधों को भी प्रभावित करता है। इस रोग के कारण पौधों की निचली पत्तियां ज्यादा प्रभावित होती हैं। वातावरण में अधिक नमी होने के कारण यह रोग तेजी से फैलता है। आइए अर्ली ब्लाइट रोग के लक्षण एवं इस पर नियंत्रण के तरीकों पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।

अर्ली ब्लाइट रोग के लक्षण

  • रोग से प्रभावित पौधों की पत्तियों पर अनियमित आकार के धब्बे उभरने लगते हैं।

  • धब्बों का रंग गहरा भूरा होता है।

  • रोग बढ़ने के साथ धब्बों के आकार में भी वृद्धि होती है।

  • रोग बढ़ने पर पौधे सूखने लगते हैं।

  • कई बार इस रोग के कारण आर्द्रगलन रोग एवं कॉलर रॉट रोग होने की संभावना बढ़ जाती है।

अर्ली ब्लाइट रोग पर नियंत्रण के तरीके

  • इस रोग से बचने के लिए फसल चक्र अपनाएं।

  • पौधों की प्रभावित पत्तियां, शाखाएं, फूल, आदि को खेत से बाहर निकाल कर नष्ट कर दें।

  • इस रोग पर नियंत्रण के लिए प्रति लीटर पानी में 2.5 ग्राम इंडोफिल जेड 78 प्रतिशत (जिनेब 75 प्रतिशत डब्लूपी) मिला कर छिड़काव करें।

  • इसके अलावा प्रति लीटर पानी में 2.5 ग्राम Antracol (प्रोपिनेब 70 प्रतिशत डब्लूपी) मिला कर छिड़काव करने से भी इस रोग पर आसानी से नियंत्रण किया जा सकता है।

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