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बैंगन की बेहतर पैदावार के लिए इस तरह करें उर्वरक प्रबंधन
Author : Surendra Kumar Chaudhari

देश में बैंगन आलू के बाद दूसरी सबसे अधिक खपत वाली सब्जी फसल है| जिसकी खेती पूरे साल भर की जा सकती है। बैंगन में उर्वरक प्रबंधन का प्रयोग करके किसान अपनी आय बढ़ा सकते हैं। यह कम लागत में अधिक आर्थिक लाभ देने वाली फसल है। बैंगन के केवल 180 से 200 ग्राम प्रति एकड़ बीज की खपत में 120 से 160 क्विंटल प्रति एकड़ तक का उत्पादन किया जा सकता है। अगर आप भी बैंगन की खेती कर रहे हैं तो हमारे साथ जाने बैंगन की बेहतर पैदावार के लिए उर्वरक प्रबंधन के उपाय।
बैंगन में कम पैदावार से बचने के उपाय
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रोपण के 40-50 दिन तक बैंगन की फसल को खरपतवार से मुक्त रखना चाहिए।
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जड़ों के पास मिट्टी चढ़ाते रहना चाहिए।
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फूल लगते समय उपयुक्त मात्रा में सिंचाई करें।
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सही समय पर कीटनाशकों का प्रयोग करें।
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बैंगन की खेती 20 डिग्री सेंटीग्रेड से कम तापमान पर न करें।
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खाद डालने से पहले मिट्टी की जांच अवश्य करा लेनी चाहिए।
बैंगन की बेहतर पैदावार के लिए उर्वरक प्रबंधन
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3 से 4 टन सड़ी गोबर की खाद खेत के तैयार करते समय डालें।
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32 किलोग्राम नाइट्रोजन को 3 भागों में बांटे। 10 किलोग्राम नाइट्रोजन को प्रति एकड़ भूमि में 20 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश और 120 किलोग्राम सिंगल सुपर फॉस्फेट मिलाएं।
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बाकी बची नाइट्रोजन का 30 व 45 दिन बाद, खरपतवार नियंत्रण के पश्चात् खडी फसल में छिड़काव करें।
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आखिरी जुताई के समय 250 किलोग्राम प्रति एकड़ नीम खली का प्रयोग करें।
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खड़ी फसल में जीवामृत के 4 से 5 छिड़काव करें। और रोपण के समय जैव उर्वरक से उपचार करें।
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25 March 2022
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