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विभा कुमारी
कृषि विशेषयज्ञ
2 year
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बैंगन और भिंडी में है तना छेदक कीट तो ऐसे करें बचाव

बैंगन और भिंडी में है तना छेदक कीट तो ऐसे करें बचाव

बैंगन और भिंडी की फसल देश के लगभग हर राज्य में उगाई जाती है। बाजार में इनकी मांग बनी रहती है इसलिए ये दोनों ही महत्वपूर्ण सब्जियां हैं। इन दोनों सब्जियों की खेती के लिए मिट्टी का चयन, सही देखभाल, पानी और समय से कीटों से बचाव जरूरी है। बेहतर पैदावार के लिए इनकी सही देखभाल का किसानों को पता होना चाहिए। फसल की उचित देखभाल न होने पर सब्जियों की गुणवत्ता और उत्पादन पर असर देखने को मिल सकता है।

दरअसल बैंगन और भिंडी में समय के साथ कुछ बीमारियां लग जाती हैं। जिनका सही समय पर इलाज होना जरूरी है, वरना ये फसल के उत्पादन और गुणवत्ता पर प्रभाव डाल सकती हैं। बैंगन और भिंडी की फसल में तना छेदक बीमारी का प्रकोप ज्यादा देखने को मिलता है। यह कीट फसल की रोपाई के कुछ सप्ताह बाद ही लगने लग जाता है। फिर कुछ समय बाद कीट से लारवा निकल कर पौधों के तने को छेद कर नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है। कीट फल को छेद कर सड़ा देते हैं।

अगर आप बैंगन और भिंडी की फसल से अच्छा उत्पादन लेना चाहते हैं तो इनमें लगने वाले तना छेदक कीट से बचाव करना जरूरी है। तो आइए जानते हैं कैसे इस कीट से छुटकारा पा सकते हैं।

बैंगन एवं भिंडी की फसल में तना छेदक कीट से होने वाले नुकसान

  • यह कीट पौधों के तने में छेद करते हैं।

  • प्रभावित तना गलने लग जाता है।

  • प्रभावित पौधों से फूल गिरने लगते हैं।

  • फल लगने पर यह कीट फलों में भी छेद करते हैं।

बैंगन में तना छेदक कीट पर नियंत्रण

  • इससे संक्रमित तने और फल को तोड़ देना चाहिए।

  • तना छेदक कीट को खत्म करने के लिए एमामेक्टिन बेंजोएट 5% एस. जी. को 80 ग्राम प्रति एकड़ की दर से 200 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।

  • इसके अलावा क्लोरोन्ट्रेनिलीप्रोल 18.5% एस.सी. को 60 मिलीलीटर प्रति एकड़ की दर से 200 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।

भिंडी में तना छेदक कीट पर नियंत्रण

  • इस कीट से प्रभावित तने को काट देना चाहिए और फल को तोड़ कर फेंक देना चाहिए।

  • इसकी  रोकथाम के लिए क्यूनालफास 25 ई.सी. को 1.5 मिली लीटर या इंडोसल्फान 1.5 मिली लीटर प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करें।

  • कीट के प्रकोप की मात्रा के अनुसार 2-3 बार छिड़काव करने से कीटों का प्रभाव खत्म किया जा सकता है।

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आशा है कि यह जानकारी आपके लिए लाभकारी साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लाइक करें और अपने किसान मित्रों के साथ जानकारी साझा करें। जिससे अधिक से अधिक लोग इस जानकारी का लाभ उठा सकें और बैंगन एवं भिंडी की खेती से तना छेदक कीट को नियंत्रित कर सकें। इससे संबंधित यदि आपके कोई सवाल हैं तो आप हमसे कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं। कृषि संबंधी अन्य रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।

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