पोस्ट विवरण
सुने
कृषि
विभा कुमारी
कृषि विशेषयज्ञ
1 year
Follow

बारिश की अनियमितता में कैसे हो फसल का विकास ?

देश के लगभग सभी राज्यों में खरीफ सीजन की हर फसल की बुवाई हो चुकी है। फसल अब अपने वानस्पतिक विकास के चरण में है जहाँ वर्षा की ज़रूरत पौधों के विकास के लिए बहुत ज़रूरी है। मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश समेत सभी राज्यों में वर्षा अनियमतता से फसल के विकास पर विपरीत असर पड़ रहा है। जिन इलाकों में वर्षा ज़रूरत से कम हुई है वहाँ पौधों में सही प्रकार से पोषक तत्वों का अवशोषण नहीं होने की वजह से फसल कमज़ोर पड़ी रही है। साथ ही ऐसे क्षेत्र जहां आवश्यकता से अधिक बारिश हुई है, वहाँ जड़ें पानी में डूबे रहने से पोषक तत्वों का अवशोषण नहीं कर पा रही है। दोनों ही परिस्थितियों में फसल का विकास अवरुद्ध हुआ है यह स्थिति फसलों के उत्पादन पर असर डाल सकती है।

अनियमित बारिश से होने वाले नुकसान

  • पौधों में अधिक पानी या सूखे के कारण पोषक तत्वों के अवशोषण में अवरोध।

  • सब्जियों की फसल में फलों के झड़ने का खतरा बढ़ जाता है।

  • फसल में तरह-तरह के कीट पनपने लगते हैं और फसल गुणवत्ता खराब हो जाती है।

  • अधिक बारिश से खेतों में जलभराव होने लगता है जिससे फसल पीली पड़ने लगती है।

  • इसके अलावा कम बारिश वाले क्षेत्रों में भी फसल सूख कर पीली पड़ने लगती है।

देहात समाधान

  • पानी की अधिकता जैसी विपरीत परिस्थितियों में देहात किसानों को सलाह देता है कि, खेतों से जल निकासी करें और जड़ों के आसपास निराई गुड़ाई करें जिससे मिट्टी में हवा का आवागमन हो सके और जड़ों की श्वसन क्रिया सही प्रकार से चलती रहे।

  • अंतरवर्तीय क्रियाओं के बाद जड़ों के पास ह्यूमिक एसिड और सूक्ष्म पोषक तत्वों के मिश्रित उत्पादों का छिड़काव करें, इससे फसल में रोग प्रतिरोधी क्षमता बनी रखेगी।

  • कभी-कभी अधिक पानी की वजह से जड़ें गलने भी लगती है, ऐसी स्थिति में किसी अच्छे फफूंदनाशक के साथ जीवाणुनाशक को मिला कर जड़ों में ड्रेंचिंग करें।

  • दो बरसात के बीच अगर बड़ा अंतराल होता है तो, फसल को जीवन रक्षक सिंचाई प्रदान करें।

  • इस स्थिति में जड़ों के पास माइकोराइजा का व्यवस्थापन और एमिनो एसिड का छिड़काव पौधों के विकास में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और फूलों को झड़ने से भी रोकता है।

यह भी पढ़ें:

बारिश की अनियमितता में फसल विकास से जुड़ी अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए टोल फ्री नंबर 1800-1036-110 पर कॉल करके या फिर कमेंट बॉक्स के माध्यम से भी आप हमें सवाल पूछ सकते हैं।

आशा है पोस्ट में दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी, कृपया इसे लाइक करें और अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करें। जिससे सभी किसान इस जानकारी का लाभ उठा सकें। कृषि संबंधित ज्ञानवर्धक और रोचक जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।


Like
Comment
Share
फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ

फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ