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बारिश के मौसम में ऐसे करें बैंगन की पौध रोपाई, होगी भरपूर पैदावार
बारिश के मौसम में ऐसे करें बैंगन की पौध रोपाई, होगी भरपूर पैदावार
परिचय
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बैंगन तीनों ही मौसमों के लिए एक उपयुक्त फसल है और आलू के बाद दूसरी सबसे अधिक प्रयोग होने वाली सब्जी के कारण पूरे साल भर इसकी मांग बनी रहती है।
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बरसात में बैंगन की खेती के लिए जून माह में इसकी नर्सरी तैयार कर ली जाती है।
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पौधे 30 से 35 दिनों में रोपाई के लिए तैयार हो जाते हैं। जिसके बाद उन्हें मुख्य खेत में लगाया जा सकता है।
रोपाई का समय
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बैंगन के पौधों को खेत में लगाने का उचित समय जुलाई से अगस्त का होता है।
बैंगन की रोपाई के लिए ध्यान रखने वाली बातें
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18 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान होने पर पौधों की रोपाई न करें।
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गोल फल वाली किस्म का प्रयोग करें। बैंगन का यह किस्म रोगों के प्रति अत्यधिक सहनशील होता है।
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संभव हो सके तो खेती के लिए कार्बनिक पदार्थों से युक्त दोमट मिट्टी का चयन करें।
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खेत में जल निकासी का उचित प्रबंध करें अथवा मेड पर पौधों की रोपाई करें।
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पौधों में पानी केवल जरूरत पड़ने पर ही दें।
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मिट्टी का पीएच मान 6.5 से 7.5 के मध्य होना चाहिए।
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पौधों की रोपाई के लिए उचित धूप वाले स्थान को चुनें।
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रोपाई से पहले मिट्टी की जांच अवश्य करा लें। मिट्टी फंगस और रोगों से मुक्त होनी चाहिए।
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रोपाई से पहले खेत की गहरी जुताई कर खेत को खरपतवार मुक्त कर दें।
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जुताई के बाद खेत में 50 किलोग्राम डीएपी, 20 किलोग्राम पोटाश, 2 किलोग्राम सल्फर 90 % और 4 किलोग्राम स्टार्टर प्रति एकड़ खेत में अच्छी तरह से फैला दें।
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रोपाई के लिए पंक्तियों का इस्तेमाल करें। पंक्ति से पंक्ति की दूरी 60 सेंटीमीटर रखें।
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बैंगन की लम्बी किस्मों के लिए पौधों के बीच की दूरी 60 सेंटीमीटर तथा गोल किस्मों के लिए 70 सेंटीमीटर रखें।
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