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बाजरा
विभा कुमारी
कृषि विशेषयज्ञ
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बाजरे की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी एवं खेत तैयार करने की विधि की सम्पूर्ण जानकारी

बाजरे की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी एवं खेत तैयार करने की विधि की सम्पूर्ण जानकारी

बाजरा एक उपयोगी फसल है। दुनिया में इसका सबसे अधिक उत्पादन भारत में ही होता है। इसकी खेती मुख्यत : राजस्थान, हरियाणा, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश राज्यों में की जाती है। बाजरे से रोटी, बिस्किट, खिचड़ी आदि खाद्य पदार्थ बनाये जाते हैं। साथ ही पशुओं के चारे के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। बाजरे में प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, बिटामिन-बी जैसे पोषक तत्व प्रचुर मात्र में पाए जाते हैं। शुष्क क्षेत्रों में इसकी खेती आसानी से की जा सकती है। बाजरे की फसल से अधिक पैदावार लेने के लिए खेत तैयार करने की विधि की सम्पूर्ण जानकारी होना आवश्यक है। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम किसानों को बाजरे की खेती के लिए उचित मिट्टी एवं खेत तैयार करने की विधि बतायेंगे। जानने के लिए पढ़िए यह आर्टिकल।

बाजरे की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी

  • बाजरे की फसल के लिए दोमट या बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी होती है।

  • समतल एवं जीवांश भूमि में भी बाजरे की खेती की जा सकती है।

  • अच्छी जल निकासी वाली सभी भूमि में बाजरे की खेती की जा सकती है।

खेत तैयार करने की विधि

  • सबसे पहले मिट्टी पलटने वाली हल से खेत की गहरी जुताई करें। यह जुताई करीब 10 से 12 सेंटीमीटर गहरी होनी चाहिए।

  • इसके बाद 2 से 3 बार खेत की हल्की जुताई करें।

  • जुताई के बाद खेत में पाटा लगा, मिट्टी को समतल एवं भुरभुरी करें।

  • फसल से अधिक पैदावार लेने के लिए प्रति एकड़ खेत में 4 टन सड़ी हुई गोबर खाद मिलाएं।

  • यदि खेत में दीमक का प्रकोप है तो खेत की आखिरी जुताई के समय 10 किलोग्राम फोरेट को प्रति एकड़ की दर से खेत में मिलाएं।

  • खेत में जल निकासी की उचित व्यवस्था करें।

  • बाजरे की खेती को शून्य जुताई विधि द्वारा भी कर सकते हैं।

  • दोमट मिट्टी के लिए, नाइट्रोजन 40 किलोग्राम प्रति एकड़ और फास्फोरस 24 किलोग्राम प्रति एकड़ का प्रयोग करें।

  • रेतली मिट्टी के लिए नाइट्रोजन 25 किलोग्राम प्रति एकड़ और फास्फोरस 12 किलोग्राम प्रति एकड़ (डीएपी  27 किलोग्राम/एकड़ या एसएसपी 75 किलोग्राम/एकड़) का प्रयोग करें।

  • अगर डीएपी 27 किलोग्राम/एकड़ और एसएसपी 75 किलोग्राम प्रति एकड़ इस्तेमाल करते हैं तो फिर यूरिया की मात्रा 10-10 किलोग्राम/एकड़ तक कम कर दें।

  • जिंक की कमी वाली मिट्टी में जिंक हेप्टा हाइड्रेट 21% की 10 किलोग्राम मात्र को प्रति एकड़ या जिंक सल्फेट मोनोहाइड्रेट 6.5 किलोग्राम को प्रति एकड़ खेत में प्रयोग करें।

  • मिट्टी की जाँच में पोटाश की कमी होने पर पोटाश तत्व (एम ओ पी) का प्रयोग करें।

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आशा है कि यह जानकारी आपके लिए लाभकारी साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लाइक करें और अपने किसान मित्रों के साथ जानकारी साझा करें। जिससे अधिक से अधिक लोग इस जानकारी का लाभ उठा सकें और उचित मिट्टी में बाजरे की फसल के लिए खेत तैयार कर, अधिक लाभ प्राप्त कर सकें। इससे संबंधित यदि आपके कोई सवाल हैं तो आप हमसे कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं। कृषि संबंधी अन्य रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।



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