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बाजरे की खेती का उचित समय और खेत तैयार करने की विधि की सम्पूर्ण जानकारी

Author : Dr. Pramod Murari

भारत में बाजरे की खेती दानों के साथ पशु चारे के लिए भी की जाती है। इसकी खेती मुख्यत: खरीफ ऋतु में की जाती है। यह कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाली फसल है। इसकी खेती मुख्यत: राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश एवं महाराष्ट्र में की जाती है। यह फसल 80 से 100 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। इसकी खेती के लिए सही समय और खेत तैयार करने की विधि की जानकारी होना आवश्यक है। इस आर्टिकल के माध्यम से हम किसानों को उचित समय पर खेत तैयार करने की विधि बताएंगे। जिसको अपनाकर किसान फसल से अधिक पैदावार ले सकते हैं। जानने के लिए पढ़िए यह आर्टिकल।

बाजरा की खेती करने का उचित समय

  • बाजरे की खेती मुख्यत: खरीफ ऋतु में की जाती है।

  • इसकी बुवाई जुलाई के प्रथम सप्ताह से लेकर तीसरे सप्ताह तक की जाती है।

  • जायद ऋतु में फसल की बुवाई मार्च के पहले सप्ताह से लेकर अप्रैल के पहले सप्ताह तक की जाती है।

  • बाजरे की खेती गर्म जलवायु और 400 से 600 मिलीमीटर बारिश वाले क्षेत्र में की जाती है।

खेत तैयार करने की विधि

  • खेत में पहले से मौजूद खरपतवार और फसल के अवशेषों को नष्ट करने के लिए सबसे पहले खेत की गहरी जुताई करें।

  • इसके बाद 2-3 बार हल्की जुताई करें और मिट्टी को भुरभुरा बना लें।

  • फसल की बुवाई के 10 से 12 दिन पहले प्रति एकड़ खेत में 4 टन गोबर की खाद डालें।

  • इसके बाद पाटा लगा कर मिट्टी को समतल कर लें।

  • दीमक और लट की शिकायत होने पर 10 किलोग्राम फोरेट का प्रति एकड़ की दर से आखिरी जुताई से पहले खेत में प्रयोग करें।

  • दोमट मिट्टी के लिए, नाइट्रोजन 40 किलोग्राम प्रति एकड़ और फास्फोरस 24 किलोग्राम प्रति एकड़ का प्रयोग करें।

  • रेतली मिट्टी के लिए नाइट्रोजन 25 किलोग्राम प्रति एकड़ और फास्फोरस 12 किलोग्राम प्रति एकड़ (डीएपी  27 किलोग्राम/एकड़ या एसएसपी 75 किलोग्राम/एकड़) का प्रयोग करें।

  • जिंक की कमी वाली मिट्टी में जिंक हेप्टा हाइब्रिड 21% की 10 किलोग्राम को प्रति एकड़ या जिंक सल्फेट मोनोह्यब्रीड 6.5 किलोग्राम को प्रति एकड़ में प्रयोग करें।

  • जब मिट्टी की जाँच में पोटाश की कमी होने पर पोटाश तत्व (एम औ पी) का प्रयोग करें।

  • खेत में जल निकासी की अच्छी व्यवस्था रखें।

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आशा है कि यह जानकारी आपके लिए लाभकारी साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लाइक करें और अपने किसान मित्रों के साथ जानकारी साझा करें। जिससे अधिक से अधिक लोग इस जानकारी का लाभ उठा सकें और समय पर बाजरे की फसल के लिए खेत तैयार कर, अधिक लाभ प्राप्त कर सकें। इससे संबंधित यदि आपके कोई सवाल हैं तो आप हमसे कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं। कृषि संबंधी अन्य रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।



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24 May 2022

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