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बागवानी करने वाले किसानों को मिलेगी 50 से 90 प्रतिशत तक सब्सिडी
बागवानी करने वाले किसानों को मिलेगी 50 से 90 प्रतिशत तक सब्सिडी
बागवानी को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार ने बड़ी घोषणा की हैं। राज्य के किसानों को मुख्यमंत्री बागवानी मिशन के तहत अब 50 से 90% तक सब्सिडी दी जाएगी। साथ ही मशरूम की खेती, सुगंधित पौधों की खेती, फूलों की खेती और मधुमक्खी पालन करने वाले किसानों को भी मधुमक्खी बॉक्स एवं मधुमक्खी कॉलोनी के लिए सब्सिडी दी जाएगी। इसके अलावा प्लास्टिक कैरेट एवं प्लास्टिक सुरंगों पर भी सब्सिडी का प्रावधान किया गया है।
गौर करने वाली बात यह है कि यह सब्सिडी पहले आओ पहले पाओ के आधार पर तय किया गया है। सीधे शब्दों में कहें तो सब्सिडी के लिए पहले आवेदन करने वाले किसान इसका पहले लाभ उठा सकेंगे। इस योजना का लाभ उठाने के लिए डीबीटी पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा। इसके अलावा आप ब्लॉक बागवानी कार्यालय या जिला बागवानी कार्यालय से भी संपर्क कर सकते हैं।
किस वर्ग के लिए अधिकतम कितनी सब्सिडी का है प्रावधान?
यहां एक बात ध्यान में रखनी जरूरी है कि सामान्य वर्ग के किसानों एवं अनुसूचित जाति के किसानों के लिए अलग-अलग सब्सिडी तय की गई है। सामान्य जाति के किसानों को अधिकतम 70% तक सब्सिडी दी जाएगी। वहीं अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के किसानों को अधिकतम 90% तक सब्सिडी का प्रावधान हैं।
किस खेती के लिए कितनी मिलेगी सब्सिडी?
अब बात कर लेते हैं खेती की, जहां मधुमक्खी पालन के लिए 75% तक सब्सिडी दी जाएगी। वहीं फूलों की खेती एवं सुगंधित पौधों की खेती करने वाले किसानों को 50% तक सब्सिडी दी जाएगी। उदाहरण के तौर पर यदि मधुमक्खी पालन करने पर प्रति बक्सा आप 4,000 रूपए खर्च करेंगे तो आपको 3,000 रूपए तक सब्सिडी मिलेगी। प्रति हेक्टेयर खेत में फूलों की खेती एवं सुगंधित पौधों की खेती करने पर अगर लागत 40,000 रूपए है तो आप 20,000 रूपए तक सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं।
कैसे करें बागवानी पर सब्सिडी के लिए आवेदन?
बागवानी पर अपनी योग्यतानुसार सब्सिडी प्राप्त करने के लिए नीचे दिए गए डीबीटी पोर्टल के लिंक पर क्लिक कर पंजीकरण कर सकते हैं।
हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। अगर आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अधिक से अधिक किसान इस योजना का लाभ उठा सकें। इस तरह की अधिक जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।
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