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कल्पना
कृषि विशेषयज्ञ
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अरंडी की खेती : बीज दर, बीज उपचार एवं बुवाई

अरंडी की खेती : बीज दर, बीज उपचार एवं बुवाई

हमारे देश में गुजरात, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, महाराष्ट्र एवं ओडिशा में अरंडी यानि कैस्टर की खेती की जाती है। इसकी खेती मुख्यतः तेल निकालने के लिए की जाती है। अगर आप इस रबी के मौसम में इसकी खेती करना चाहते हैं तो बुवाई का समय, बीज की मात्रा, बीज उपचारित करने की विधि एवं बीज की बुवाई की जानकारी यहां से प्राप्त कर सकते हैं।

बुवाई का समय

  • अरंडी की खेती रबी मौसम के साथ वर्षा के मौसम में भी की जाती है।

  • यदि वर्षा के मौसम में खेती करनी है तो जुलाई-अगस्त का महीना इसकी बुवाई के लिए सबसे उपयुक्त है।

  • रबी मौसम में इसकी खेती के लिए सितंबर-अक्टूबर महीने में बुवाई करनी चाहिए।

बीज की मात्रा

  • सिंचित क्षेत्रों में प्रति एकड़ जमीन में खेती करने के लिए 2.4 से 3.2 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।

  • असिंचित क्षेत्रों में  प्रति एकड़ भूमि में 4 से 6 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।

बीज उपचार

  • बुवाई से पहले बीज को करीब 24 से 48 घंटों तक पानी में भिंगो कर रखें। इससे अंकुरण में आसानी होती है।

  • प्रति किलोग्राम बीज को 3 ग्राम थीरम या कैप्टान से उपचारित करें।

  • इसके अलावा प्रति किलोग्राम बीज को 2 ग्राम कार्बेन्डाज़िम से भी उपचारित किया जा सकता है।

  • इसके बाद बीज को जीवाणु कल्चर से भी उपचारित करना चाहिए।

बुवाई

  • बीज की बुवाई कतारों में करें। सभी कतारों के बीच 60 सेंटीमीटर की दूरी रखें।

  • असिंचित क्षेत्रों में बीज की बुवाई करीब 90 सेंटीमीटर की दूरी पर करें।

  • वहीं सिंचित क्षेत्रों में इसकी बुवाई करीब 120 सेंटीमीटर की दूरी पर करनी चाहिए।

हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अधिक से अधिक किसान इसका लाभ उठा सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।

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