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अरहर : स्टेम ब्लाइट रोग पर नियंत्रण के सटीक उपाय
अरहर : स्टेम ब्लाइट रोग पर नियंत्रण के सटीक उपाय
अरहर की फसल में होने वाले कुछ प्रमुख रोगों में स्टेम ब्लाइट रोग भी शामिल है। इस रोग को फाइटोप्थोरा अंगमारी रोग के नाम से भी जाना जाता है। यह रोग बहुत तेजी से फैलता है। करीब 25 डिग्री सेंटीग्रेड के आसपास का तापमान संक्रमण के लिए अनुकूल है। वर्षा एवं नमी वाले क्षेत्रों में इस रोग के होने की संभावना अधिक होती है। आइए अरहर की फसल में लगने वाले स्टेम ब्लाइट रोग के कारण, लक्षण एवं नियंत्रण पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
स्टेम ब्लाइट रोग का कारण
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यह रोग फफूंद के कारण होता है।
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वातावरण में नमी अधिक होने के कारण यह रोग अधिक फैलता है।
स्टेम ब्लाइट रोग का लक्षण
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इस रोग के होने पर प्रभावित पौधों की पत्तियों पर धब्बे बनने लगते हैं।
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6 से 7 दिनों के अंदर पूरी पत्तियां जल कर नष्ट हो जाती हैं।
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रोग बढ़ने पर यह धब्बे पौधों के तने और शाखाओं पर भी नजर आने लगते हैं।
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कुछ समय बाद शाखाएं सूख कर टूटने लगती हैं।
स्टेम ब्लाइट रोग पर नियंत्रण के तरीके
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खेत में जल निकासी की उचित व्यवस्था करें।
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इस रोग से प्रभावित क्षेत्रों में 2-3 वर्षों तक अरहर की खेती करने से बचें।
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फसल चक्र अपनाएं।
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रोग रहित स्वस्थ बीज का चयन करें।
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बुवाई से पहले प्रति किलोग्राम बीज को 2 ग्राम थीरम से उपचारित करें।
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खड़ी फसल में रोग के शुरूआती लक्षण नजर आने पर प्रति एकड़ भूमि में 600 ग्राम मैंकोजेब 35 प्रतिशत एससी का छिड़काव करें।
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इसके अलावा प्रति एकड़ खेत में 400 मिलीलीटर मेटलेक्सिल 35 प्रतिशत डबल्यूएस का भी छिड़काव कर सकते हैं।
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आवश्यकता होने पर 10-12 दिनों के अंतराल पर फिर छिड़काव करें।
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अरहर की बुवाई के समय ध्यान में रखने वाली बातों की जानकारी यहां से प्राप्त करें।
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