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अरहर
कल्पना
कृषि विशेषयज्ञ
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अरहर की फसल में फाइटोप्थोरा अंगमारी रोग व इसकी रोकथाम

अरहर की फसल में फाइटोप्थोरा अंगमारी रोग व इसकी रोकथाम

अंगमारी रोग जिसे स्टेम ब्लाइट भी कहते हैं, अरहर की फसल में लगने वाले कुछ प्रमुख रोगों में से एक है। फफूंद के द्वारा होने वाला यह रोग एक सप्ताह से लेकर एक महीने तक के पौधों में अधिक देखने को मिलता है। अरहर के अलावा इस रोग का प्रकोप कई अन्य फसलों में भी होता है। बूंदाबांदी वाली नम परिस्थितियां तथा 25 डिग्री सेल्सियस के आसपास का तापमान संक्रमण के लिए अनुकूल होता है। अगर आपको इस रोग के लक्षण नहीं पता हैं तो परेशान न हों। इस पोस्ट के माध्यम से आप रोग के लक्षण के साथ बचाव के उपाय भी देख सकते हैं।

रोग का लक्षण

  • रोग से प्रभावित पत्तियों पर धब्बे बनने लगते हैं।

  • 6 से 7 दिनों के अंदर पूरी पत्तियां जल कर नष्ट हो जाती हैं।

  • रोग बढ़ने पर पौधों के तने और शाखाओं पर भी धब्बे बनने लगते हैं। जिससे तना और शाखाएं सूख कर टूटने लगती हैं।

बचाव के उपाय

  • खेत में जल जमाव न होने दें। जल निकासी की उचित व्यवस्था करें।

  • इस रोग से प्रभावित क्षेत्र में 2-3 वर्ष तक अरहर की खेती करने से बचें।

  • अरहर की खेती के लिए स्वस्थ बीज का चयन करें एवं फसल चक्र अपनाएं।

  • बुवाई से पहले बीज को कवकनाशी से उपचारित कर के पौधों को इस रोग से बचाया जा सकता है।

  • प्रति किलोग्राम बीज को 2 ग्राम रिडोमिल या थीरम से उपचारित करें।

  • खड़ी फसल में रोग के शुरूआती लक्षण दिखने पर प्रति एकड़ जमीन में 400 मिलीलीटर मेटलेक्सिल 35 प्रतिशत डबल्यूएस या 600 ग्राम मैंकोजेब 35 प्रतिशत एससी का छिड़काव करें।

  • आवश्यकता होने पर 10-12 दिनों के अंतराल पर फिर छिड़काव कर सकते हैं।

अगर आपको यह जानकारी आवश्यक लगी है तो इस पोस्ट को लाइक करें। साथ ही अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।

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