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अरहर
कल्पना
कृषि विशेषयज्ञ
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अरहर के प्रमुख कीट एवं उनका प्रबंधन

अरहर के प्रमुख कीट एवं उनका प्रबंधन

अरहर की फसल में कई तरह के कीट आक्रमण करते हैं। सही समय पर इन कीटों पर नियंत्रण नहीं किया गया तो पूरी फसल नष्ट हो सकती है। इससे किसानों काफी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। इस पोस्ट में दिए गए गए उपायों को अपना कर आप कीटों पर पा सकते हैं और फसल की पैदावार भी बढ़ा सकते हैं।

अरहर की फसल में लगने वाले प्रमुख कीट

  • फली बेधक कीट : यह कीट फलियों में छेड़ कर के उसे अंदर से खाती हैं। इससे फसल को बहुत नुकसान पहुंचता है। इस कीट से बचने के लिए प्रति एकड़ जमीन में 160 मिलीलीटर साइपरमैथरिन 20 ई.सी का छिड़काव करें। इसके अलावा आप प्रति एकड़ जमीन में 300 मिलीलीटर फेनवेलरेट 20 ई.सी का भी छिड़काव कर सकते हैं।

  • पत्ती लपेटक कीट : यह पीले रंग की सुंडी होती है जो पत्तियों को लपेट कर सफेद जाल बनाती हैं। उस जल के अंदर छुप कर यह पत्तियों को खाती हैं। पत्तियों के साथ यह फूलों और फलियों को भी खाती हैं। इससे बचने के लिए प्रति एकड़ जमीन में 320 मिलीलीटर मोनोक्रोटोफास 36 ई.सी का छिड़काव करें।

  • अरहर की फली मक्खी : यह मक्खियां फलियों और फलियों के अंदर के दानों को खा कर फसल को नष्ट करती हैं। इससे बचने के लिए 400 मिलीलीटर मोनोक्रोटोफास 36 ई.सी या डाईमिथोएट 30 ई.सी का छिड़काव करें।

  • माहू : इसे एफिस क्रेक्सीवोरा के नाम से भी जाना जाता है। यह फूलों और फलियों का चूसते हैं। जिससे पैदावार में कमी आ जाती है। प्रति लीटर पानी में एक मिली इमिडाक्लोर्पिड मिला कर छिड़काव करने से माहू कीट पर नियंत्रण प्राप्त किया जा सकता है।

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