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अंगूर
डॉ. प्रमोद मुरारी
कृषि विशेषयज्ञ
3 year
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अंगूर की बेल को एफिड से कैसे बचाएं?

अंगूर की बेल को एफिड से कैसे बचाएं?

अंगूर की बेलों में पिस्सू बीटल, थ्रिप्स, लीफ हूपर, मिली बग, आदि कई कीटों का प्रकोप होता है। इन कीटों के अलावा अंगूर की फसल को एफिड यानी माहू से भी भारी क्षति पहुंचती है। केवल अंगूर ही नहीं, इस कीट से सेब, केला, चेरी, आम, खरबूज, नाशपाती, अनार, स्ट्रॉबेरी, गन्ना, सरसों, बैंगन, टमाटर, मटर, मूंगफली, प्याज, मक्का, धान, आदि कई अन्य फसलें भी प्रभावित होती हैं। अंगूर की बेलियों को एफिड से बचाने के लिए नियंत्रण के तरीके यहां से देखें।

कीट की पहचान

  • यह कीट आकार में छोटे एवं नरम शरीर वाले होते हैं।

  • इनका आकार 0.5 से 2 मिलीमीटर होता है।

  • यह कीट पीले, भूरे, लाल या काले रंग के होते हैं।

प्रकोप का लक्षण

  • यह कीट पत्तियों का रस चूसते हैं।

  • प्रकोप बढ़ने पर बेलों का विकास रुक जाता है।

  • यह कीट पत्तियों का रस चूसने के साथ हनीड्यू भी स्रावित करते हैं।

  • यह हनीड्यू कई तरह के फफूंद जनित रोगों के होने का कारण है।

नियंत्रण के उपाय

  • संक्रमित हिस्सों को बेलियों से अलग कर के नष्ट कर दें।

  • एफिड पर नियंत्रण के लिए 150 लीटर पानी में 50 मिलीलीटर देहात हॉक मिला कर छिड़काव करें।

  • प्रति लीटर पानी में 1 मिलीलीटर इमिडाक्लोप्रिड मिलाकर छिड़काव करने से इस कीट पर नियंत्रण प्राप्त किया जा सकता है।

  • फलों की पैदावार में वृद्धि के लिए 15 लीटर पानी में 2 मिलीलीटर देहात फ्रूट प्लस मिला कर छिड़काव करें।

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इस पोस्ट में बताई गई दवाओं के प्रयोग से आप अंगूर की बेल को एफिड के प्रकोप से बचा सकते हैं। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इस पोस्ट को अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। अंगूर की खेती से जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।

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