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अनार के फलों के फटने का कारण
अनार के फलों के फटने का कारण
अनार की खेती करने वाले किसानों के सामने फलों के फटना एक गंभीर समस्या बन कर उभर रही है। कई किसानों को फलों के फटने का कारण भी नहीं पता होता है। ऐसे में फलों को फटने से बचाना किसानों के लिए किसी कठिन कार्य की तरह है। अगर आप भी जूझ रहे हैं इस समस्या से तो इसका कारण एवं इस समस्या पर नियंत्रण के तरीके यहां से देखें।
क्या है फलों के फटने का कारण?
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पोषक तत्वों की कमी के कारण अनार के फल के फटने लगते हैं।
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अनुचित सिंचाई इसके मुख्य कारणों में से एक है।
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अधिक ठंड एवं तेज हवाओं के कारण फलों के फटने की समस्या बढ़ जाती है।
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समय पर फलों की तुड़ाई नहीं की होने पर फल फट सकते हैं।
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बैक्टीरियल ब्लाइट रोग के कारण भी फल फट सकते हैं।
फलों को फटने से कैसे बचाएं?
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पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए प्रति लीटर पानी में 1 ग्राम कैल्शियम और 1 ग्राम बोरॉन मिला कर छिड़काव करें।
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कैल्शियम सल्फेट, जिंक सल्फेट और कॉपर सल्फेट का छिड़काव करें।
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पोटेशियम सल्फेट का 3 बार छिड़काव करने से भी फलों के फटने से बचा सकते हैं।
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आवश्यकता से अधिक सिंचाई न करें। इसके साथ इस बात का भी ध्यान रखें कि मिट्टी में नमी की कमी न हो। एक नियमित अंतराल पर सिंचाई करें।
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अत्यधिक ठंड एवं तेज हवाओं से पौधों को बचाने के लिए खेत उत्तर पश्चिम दिशा में अवरोध लगाएं। साथ ही पाले की संभावना होने पर सिंचाई करें एवं धुंआ करें।
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छोटे आकर के फलों की तुलना में बड़े आकर के फल अधिक फटते हैं। इसलिए फलों की समय पर तुड़ाई करें।
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बैक्टीरियल ब्लाइट रोग के लक्षण नजर आने पर प्रभावित फलों को इकट्ठा कर के नष्ट कर दें। रोग से प्रभावित पौधों पर मैंकोज़ेब 0.25 प्रतिशत का छिड़काव करें।
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