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अनानास की खेती के समय रखें इन बातों का ध्यान
अनानास की खेती के समय रखें इन बातों का ध्यान
अनानास को अंग्रेजी में पाइन एप्पल के नाम से जाना जाता है। इसके ताजे फलों को खाने के साथ ही इसके जूस की मांग भी बहुत होती है। बात करें इसकी खेती की तो भारत में इसकी खेती मुख्यतः केरल, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, असम, मिजोरम एवं त्रिपुरा में की जाती है। इन राज्यों के अलावा बिहार, उत्तर प्रदेश एवं मध्यप्रदेश में भी इसकी व्यावसायिक खेती की जा रही है। वर्ष भर बाजार में मांग होने के कारण अनानास की खेती किसानों के लिए मुनाफे का सौदा साबित होती है। आइए इसकी खेती के समय ध्यान में रखने वाली बातों पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
अनानास की खेती का उपयुक्त समय
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अनानास की खेती वर्ष में 2 बार सफलतापूर्वक की जा सकती है।
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इसकी खेती के लिए जनवरी से मार्च तक का समय उपयुक्त है।
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इसके साथ ही इसकी खेती मई से जुलाई महीने के बीच भी की जाती है।
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माध्यम गर्म जलवायु वाले क्षेत्रों में इसकी खेती वर्ष भर की जा सकती है।
उपयुक्त मिट्टी एवं जलवायु
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इसकी खेती के लिए जीवांश युक्त बलुई दोमट मिट्टी एवं उपयुक्त है।
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जल जमाव वाली मिट्टी में इसकी खेती नहीं करनी चाहिए।
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मिट्टी का पी.एच. स्तर 5 से 6 के बीच होना चाहिए।
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इसके पौधे अधिक गर्मी एवं पाला सहन नहीं कर सकते हैं।
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पौधों के उचित विकास के लिए 22 से 32 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान की आवश्यकता होती है।
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इसकी खेती नमी युक्त यानी आर्द्र जलवायु में करें।
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