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अलसी : बुवाई से पहले जानें यह महत्वपूर्ण बातें
अलसी : बुवाई से पहले जानें यह महत्वपूर्ण बातें
विश्व में अलसी के उत्पादन में भारत का पहला स्थान है। हमारे देश में इसकी खेती मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा एवं कर्नाटक में बड़े पैमाने पर की जाती है। इसकी खेती मुख्यतः बीज से प्राप्त होने वाले तेल एवं पौधों से प्राप्त होने वाले रेशे के लिए की जाती है। अलसी के बीज में 33 से 47 प्रतिशत तक तेल की मात्रा पाई जाती है। पौधों एवं बीज दोनों का प्रयोग होने के कारण इसकी खेती किसानों के लिए बहुत लाभदायक साबित होती है। आइए अलसी की खेती से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त करें।
अलसी की बुवाई का उपयुक्त समय
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इसकी बुवाई के लिए अक्टूबर से नवंबर के प्रथम सप्ताह तक का समय सर्वोत्तम है।
बीज की मात्रा
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प्रति एकड़ खेत में खेती करने के लिए 12 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।
बीज उपचारित करने की विधि
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बुवाई से पहले बीज को 2.5 ग्राम थीरम से उपचारित करें।
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इसके अलावा प्रति किलोग्राम बीज को 2 ग्राम कार्बेंडाजिम से भी उपचारित कर सकते हैं।
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बीज उपचारित कर के पौधों को झुलसा रोग, उकठा रोग, आदि से बचाया जा सकता है।
पौधों से पौधों की दूरी
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अलसी की बुवाई क्यारियों में करनी चाहिए।
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सभी क्यारियों के बीच 20 से 25 सेंटीमीटर की दूरी रखें।
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पौधों से पौधों के बीच 5 से 7 सेंटीमीटर की दूरी होनी चाहिए।
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बीज की बुवाई करीब 2 से 3 सेंटीमीटर की गहराई पर करें।
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