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अजवाइन की खेती

अजवाइन की खेती

कई औषधीय गुणों से भरपूर अजवाइन की गिनती कुछ प्रमुख मसालों में की जाती है। इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, रेशा (फाइबर), फास्फोरस, कैल्शियम, आयरन, आदि कई खनिज तत्व पाए जाते हैं। इसकी खेती पत्तियों के साथ दानों के लिए भी की जाती है। इसके दानों से निकलने वाले तेल से औषधियां बनाई जाती हैं। अजवाइन की खेती से जुड़ी कुछ जानकारियां यहां से देखें।

मिट्टी एवं जलवायु

  • अजवाइन की अच्छी पैदावार के लिए हल्की बलुई दोमट मिट्टी एवं मटियार मिट्टी सर्वोत्तम है।

  • भारी एवं गीली मिट्टी में इसकी खेती नहीं करनी चाहिए क्योंकि इससे पौधों के सूखने का खतरा बना रहता है।

  • बलुई मिट्टी भी इसकी खेती के लिए उपयुक्त नहीं है।

  • मिट्टी का पीएच स्तर 6.5 से 8 के बीच होना चाहिए।

  • ठंडी एवं शुष्क जलवायु में खेती करने पर बेहतर पैदावार प्राप्त कर सकते हैं।

  • फूल आने के समय वातावरण में अधिक नमी फसल के लिए नुकसानदायक साबित होती है।

खेत की तैयारी, खाद एवं उर्वरक

  • खेत तैयार करते समय खेत में मौजूद फसलों के अवशेष को बाहर निकालें।

  • इसके बाद मिट्टी पलटने वाली हल से गहरी जुताई करके कुछ समय तक खेत को खुला रहने दें।

  • अब खेत में 2 से 3 बार हल्की जुताई करें।

  • जुताई करते समय प्रति एकड़ खेत में 8 से 10 टन सड़ी हुई गोबर की खाद मिलाएं।

  • प्रति एकड़ खेत में 8 किलोग्राम नाइट्रोजन, 12 किलोग्राम फास्फोरस और 8 किलोग्राम पोटाश की आवश्यकता होती है।

  • फास्फोरस और पोटाश की पूरी मात्रा एवं नाइट्रोजन की आधी मात्रा खेत तैयार करते समय मिलाएं।

  • बुवाई के करीब 25 दिनों बाद नाइट्रोजन की आधी मात्रा यानी 4 किलोग्राम नाइट्रोजन का खड़ी फसल में छिड़काव करें।

  • मिट्टी को भुरभुरी एवं समतल बनाने के लिए जुताई के बाद पाटा अवश्य लगाएं।

सिंचाई एवं खरपतवार नियंत्रण

  • रोपाई के तुरंत बाद पहली सिंचाई करें।

  • इस बात का ध्यान रखें कि खेत में जलजमाव न हो।

  • आवश्यकता के अनुसार 10 से 15 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करें।

  • खरपतवार पर नियंत्रण करने के लिए कुछ समय के अंतराल पर निराई-गुड़ाई करें।

कटाई एवं भंडारण

  • फसल को तैयार होने में करीब 140 से 150 दिनों का समय लगता है।

  • बीज के गुच्छों का रंग जब भूरा होने लगे तब फसल की कटाई कर लेनी चाहिए।

  • कटाई के बाद इसे छांव में रखकर सूखाएं।

  • सूखाने के बाद दोनों को अलग करके नमी रहित डब्बों या बोरियों में भंडारित कर सकते हैं।

इस पोस्ट में बताई गई बातों को ध्यान में रखकर अजवाइन की खेती करने से आप अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकेंगे। यदि आपको यह जानकारी महत्वपूर्ण लगी है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं अजवाइन की खेती से जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।

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