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अजोला : पशुओं के लिए हरे चारे का एक उत्तम विकल्प, ऐसे करें इसका उत्पादन
अजोला : पशुओं के लिए हरे चारे का एक उत्तम विकल्प, ऐसे करें इसका उत्पादन
पशुओं के लिए हरा चारा सर्वोत्तम आहार होता है। लेकिन भारत के अधिकतर हिस्सों में 6 से 8 महीने हरे चारे की किल्ल्त रहती है। समय के साथ हरे चारे के क्षेत्र कम होते जा रहे हैं। ऐसे में पशुपालकों के सामने हरे चारे की समस्या खड़ी हो जाती है। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम पशुपालकों और किसानों को एक ऐसे हरे चारे ‘अजोला’ के बारे में बताएंगे, जिसका उत्पादन कर पशुपालक पशुओं को साल भर हरा चारा खिला सकते हैं। जानने के लिए पढ़िए यह आर्टिकल।
क्या है अजोला?
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अजोला पानी में पैदा होने वाले छोटे पत्तों की शैवाल है, जिसे ‘फर्न’ भी कहते हैं।
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अजोला को धान की खेती के साथ, तालाब एवं पानी के अन्य श्रोतों में उगाया जाता है।
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यह बहुत ही तेजी से बढ़ने वाला हरा चारा है।
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इसका इस्तेमाल हरे खाद के रूप में भी होता है।
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अजोला का उपयोग दुधारी पशुओं के चारे के अलावा मछली पालन और मुर्गी पालन में भी किया जाता है।
अजोला की खेती कैसे करें?
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अजोला की खेती के लिए छायादार जगह पर 2 मीटर लम्बा, 2 मीटर चौड़ा और 30 सेंटीमीटर गहरा गड्ढा खोद लें।
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अब जमीन को बराबर कर ईंटो को बिछाकर टैंक बना लें। अब इस गड्ढे को पॉलीथिन शीट से कवर कर वाटरप्रूफ बना लें।
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इस टैंक में 15 से 20 किलोग्राम साफ-सुथरी मिट्टी फैला दें।
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गड्ढे में 15 से 20 किलोग्राम छानी हुई मिट्टी के साथ 30 ग्राम सिंगल सुपर फास्फेट को 10 लीटर पानी में घोलकर मिट्टी में डाल दें।
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अब गड्ढे में 7 से 10 सेंटीमीटर ऊपर तक पानी भर दें।
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इसके बाद 1 किलोग्राम अजोला कल्चर को पानी के गड्ढे में डाल दें।
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10 से 15 दिन के बाद अजोला तेजी से बढ़ते हुए पानी के ऊपर मोटी चटाई के रूप में फैला हुआ दिखेगा।
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इस गड्ढे से प्रतिदिन 1-2 किलोग्राम अजोला को छलनी से निकाल सकते हैं।
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इसको साफ पानी से धोने के बाद पशुओं को खिला दें।
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6 महीने में एक बार टंकी को अच्छे से साफ कर, फिर से अजोला कल्चर डालें।
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आशा है कि यह जानकारी आपके लिए लाभकारी साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लाइक करें और अपने किसान मित्रों के साथ जानकारी साझा करें। जिससे अधिक से अधिक लोग इस जानकारी का लाभ उठा सकें और अजोला की खेती कर, सालभर हरे चारे का लाभ प्राप्त कर सकें। इससे संबंधित यदि आपके कोई सवाल हैं तो आप हमसे कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं। कृषि संबंधी अन्य रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।
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