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अदरक
कल्पना
कृषि विशेषयज्ञ
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अदरक की इन किस्मों से होगी भरपूर पैदावार

अदरक की इन किस्मों से होगी भरपूर पैदावार

सदियों से अदरक का इस्तेमाल एक मसाले के तौर पर किया जाता है। अदरक में कई औषधीय गुण मौजूद होते हैं जिसके कारण इसका प्रयोग आयुर्वेदिक दवाओं के निर्माण में भी किया जाता है। कई व्यंजनों एवं पेय पदार्थों का स्वाद बढ़ाने वाले अदरक की मांग हमेशा बनी रहती है। इसलिए इसकी खेती किसानों के लिए लाभदायक सिद्ध होती है। यदि आप भी अदरक की खेती करना चाहते हैं तो इस की कुछ प्रमुख किस्मों की जानकारी यहां से प्राप्त करें।

अदरक की प्रमुख एवं उन्नत किस्में

  • सुप्रभा : इसके पौधों में कल्ले अधिक निकलते हैं। प्रकंद का छिलका सफेद एवं चमकदार होता है। इस किस्म को तैयार होने में 225 से 230 दिनों का समय लगता है। यह किस्म प्रकंद विगलन रोग के लिए प्रतिरोधक है। प्रति एकड़ भूमि से 80 से 92 क्विंटल तक पैदावार होती है।

  • सुरभि : इस किस्म के अदरक की गांठें आकर्षक होते हैं। इस किस्म को पक कर तैयार होने में 225 से 235 दिनों का समय लगता है। यह किस्म प्रकंद विगलन रोग के प्रति सहनशील है। प्रति एकड़ जमीन में खेती की जाए तो 80 से 100 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं।

  • नदिया : उत्तर भारतीय क्षेत्रों में खेती के लिए यह उपयुक्त किसमें है। करीब 8 से 9 महीने में फसल पक कर तैयार हो जाती है। एकड़ भूमि से 80 से 100 क्विंटल तक अदरक की पैदावार होती है।

  • अथिरा : इस किस्म की फसल को तैयार होने में करीब 220 से 240 दिनों का समय लगता है। प्रति एकड़ खेत से 84 से 92 क्विंटल तक अदरक की उपज होती है। इससे करीब 22.6 प्रतिशत सूखी अदरक, 3.4 प्रतिशत कच्चे रेशे एवं 3.1 प्रतिशत तेल की मात्रा प्राप्त होती है।

इन किस्मों के अलावा अदरक की कई अन्य किस्मों की खेती भी प्रमुखता से की जाती है। जिनमें मरान, जोरहट, सुरुचि, महिमा, वारदा, हिमगिरी, रेजाठा, आदि किस्में शामिल हैं।

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हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अन्य किसान मित्र भी इन किस्मों की खेती करके अदरक की अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकें। अदरक की खेती से जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।

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