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विभा कुमारी
कृषि विशेषयज्ञ
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अधिक उपज के लिए तरबूज-खरबूज में करें इन उर्वरकों का प्रयोग

अधिक उपज के लिए तरबूज-खरबूज में करें इन उर्वरकों का प्रयोग

तरबूज और खरबूज की खेती किसान बहुत ही कम समय, कम पानी और कम खाद में कर सकते हैं। इनकी फसल मुख्यत: महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में की जाती है। अगर किसान इन फलों की खेती सही वैज्ञानिक तकनीक से करें तो ये दोनों बहुत मुनाफा देने वाली फसल है। इनका उपयोग फल, सलाद, जूस, शरबत, फ्रूट डिश और स्क्वैश, आदि में किया जाता है। इसीलिए बाजार में इनकी मांग बढ़ रही है।

यदि किसान इनकी खेती उन्नत किस्म के बीज के साथ, फसल में समय पर उचित उर्वरक उपलब्ध करवाएं तो तरबूज और खरबूजे की फसल से अच्छी गुणवतापूर्ण उपज प्राप्त की जा सकती है। तो चलिए जानते हैं किस उर्वरक का उपयोग कर आप अधिक उपज प्राप्त कर सकते हैं।

तरबूज के लिए खाद और उर्वरक

  • फसल उगाने से लेकर पकने तक 3 से 5 बार खाद डालें।

  • फसल की बिजाई के समय गोबर की खाद का उपयोग करें।

  • प्रति एकड़ खेत में 25 किलोग्राम नाइट्रोजन (55 किलोग्राम यूरिया), 16 किलोग्राम फासफोरस (100 किलोग्राम सिंगल सुपर फासफेट) और 15 किलोग्राम पोटाश (25 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश) डालें।

  • फासफोरस और पोटाश की पूरी मात्रा और  एक तिहाई नाइट्रोजन की मात्रा बिजाई से पहले डालें।

  • बाकी की बची हुई नाईट्रोजन बेलों के आस पास डालें और मिट्टी में पूरी तरह मिला दें।

खरबूज के लिए खाद और उर्वरक

  • नाइट्रोजन 50 किलोग्राम (यूरिया 110 किलोग्राम), फासफोरस 25 किलोग्राम (सिंगल सुपर फासफेट 155 किलोग्राम), पोटाश 25 किलोग्राम (म्यूरेट ऑफ पोटाश 40 किलोग्राम) प्रति एकड़ के हिसाब से डालें।

  • फासफोरस और पोटाश की पूरी मात्रा और नाइट्रोजन का तीसरा हिस्सा यानी 16 किलोग्राम बिजाई से पहले डालें।

  • नाइट्रोजन की बची हुई मात्रा यानी 34 किलोग्राम शुरूआती विकास के समय मिट्टी में अच्छी तरह मिलाकर डालें और पत्तों को छूने से परहेज करें।

नोट : खाद का उपयोग आपकी मिट्टी में उपलब्ध आवश्यक पोषक तत्वों की स्थिति पर निर्भर करता है प्रत्येक खेत अलग है इसकी अपनी अलग जरूरत हैं यहां दी गई जानकारी सामान्य मिट्टी के आधार पर है

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आशा है कि आपको यह जानकारी अच्छी व महत्वपपूर्ण लगी होगी। यदि आपको यह जानकरी पंसद आई है तो इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लाइक करें और अपने किसान मित्रों के साथ जानकरी साझा करें। जिससे अधिक से अधिक लोग इस जानकारी का लाभ उठा सकें और उड़द की पैदावार से अधिक मुनाफा प्राप्त कर सकें। इससे संबंधित यदि आपके कोई सवाल है तो आप हमसे कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं। कृषि संबंधी अन्य रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए जुड़े रहे देहात से।

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