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कृषि
डॉ. प्रमोद मुरारी
कृषि विशेषयज्ञ
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अधिक पैदावार और बिमारियों की रोकथाम के लिए करें खेत की गहरी जुताई

अधिक पैदावार और बिमारियों की रोकथाम के लिए करें खेत की गहरी जुताई

कई क्षेत्रों में किसान गेहूं की कटाई के बाद खेत खाली रहने देते हैं। कहीं-कहीं पर ढैंचा, मूंग आदि फसलों की बुवाई की जाती है। रबी की फसल कटने के बाद किसानों को अपनी खेत की गहरी जुताई करनी चाहिए, जिससे वह अधिक उत्पादन ले सकें। जुताई से कई बीमारियों की रोकथाम में मदद मिलती है। मिट्टी की गुणवत्ता भी अच्छी होती है। तो चलिए आज आपको बताते हैं कि खेत की गहरी जुताई के क्या फायदे हैं। कैसे आप बीमारियों का रोकथाम कर सकते हैं? जानने के लिए पढ़िए यह आर्टिकल।

खेत की जुताई क्या है?

  • फसल की बुवाई से पहले खेत की मिट्टी को ऊपर-नीचे करना जुताई कहलाता है। जुताई को आप मिट्टी पलटने वाली हल या अन्य किसी आधुनिक कृषि यंत्र से कर सकते हैं। इससे मिट्टी में मौजूद विभिन्न कीट, उनके अंडे, लार्वा और खरपतवार नष्ट हो जाते हैं, जिससे फसल को नुकसान कम होता है और अधिक पैदावार होती है।

खेत की गहरी जुताई के फायदे

  • खेत की गहरी जुताई करने के बाद ऐसा ही छोड़ दें। इससे मिट्टी में छिपे कीट तेज धूप से मर जाएंगे।

  • जुताई करने से खेत में पहले से मौजूद फसल के अवशेष नष्ट हो जाते हैं या मिट्टी में दबकर खाद बन जाते हैं।

  • खेत में छिड़का गया खाद गहरी जुताई से मिट्टी में अच्छे से मिल जाता है।

  • कई बार खरपतवार की जड़ें नीचे तक मिट्टी में दबी रहती है। गहरी जुताई से खरपतवार नष्ट हो जाते हैं।

  • गहरी जुताई से मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होता है, साथ ही मिट्टी में पानी धारण करने की क्षमता बढ़ जाती है।

  • गहरी जुताई करने के बाद मिट्टी में पाए जाने वाले हानिकारक जीवाणु, कवक आदि मर जाते हैं, जिससे फसलें बीमारी एवं रोगों से मुक्त हो जाती हैं।

  • गहरी जुताई से मिट्टी में हवा का संचार अच्छे से होता है, जो लाभकारी सूक्ष्म जीवों को बढ़ाने में सहायता करते हैं।

  • गहरी जुताई से खेत की कठोर परत टूट जाती है, जिससे मिट्टी में सब्जियों और फसलों की जड़ें आसानी से जमीन के अंदर तक फैल पाएंगी और पोधों को पोषक तत्व प्राप्त करने में आसानी होती है।

ध्यान रखने योग्य बातें

  • जुताई के लिए मिट्टी पलटने वाली हल या खुरपे का उपयोग करें।

  • खेत की जुताई करते समय गहराई 15 सेंटीमीटर तक रखें।

  • सुबह और शाम के समय जुताई करना बेहतर होता है।

  • जुताई करने से पहले खेत में गोबर की खाद जरूर डालें। इससे मिट्टी की गुणवत्ता बेहतर होती है।

  • फसल कटने के बाद गहरी जुताई करनी चाहिए।

  • खेत में खरपतवार हो तो 10-15 दिन के बाद दोबारा जुताई करें।

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आशा है कि यह जानकारी आपके लिए लाभकारी साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लाइक करें और अपने किसान मित्रों के साथ जानकारी साझा करें। जिससे अधिक से अधिक लोग इस जानकारी का लाभ उठा सकें और खेत में समय पर गहरी जुताई कर फसल से अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकें। इससे संबंधित यदि आपके कोई सवाल हैं तो आप हमसे कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं। कृषि संबंधी अन्य रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।

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