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अधिक मुनाफे के लिए करें बेल वाली फसलों की खेती
अधिक मुनाफे के लिए करें बेल वाली फसलों की खेती
बेल वाली फसलों में तोरई, लौकी, कद्दू, पेठा, तरबूज, खरबूजा आदि शामिल है। धान, गेहूं, मक्का, आदि पारम्परिक फसलों की तुलना में किसान बेल वाली फसलों की खेती कर के अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। बेल वाली फसलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए बागवानी विभाग की तरफ से किसानों को बेल वाली फसलों को सहारा देने के लिए खेत में बांस एवं तार लगाने पर सब्सिडी भी दी जा रही है। आइए इस पोस्ट के माध्यम से हम बेल वाली फसलों की खेती पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
बेल वाली फसलों की खेती के लिए नर्सरी की तैयारी
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मुख्य खेत में खेती करने से पहले नर्सरी में बेल वाली फसलों के पौधे तैयार किए जाते हैं।
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तोरई, लौकी, कद्दू, पेठा, तरबूज, खरबूजा आदि फसलों की नर्सरी तैयार करने के लिए जनवरी-फरवरी महीना उपयुक्त है।
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बुवाई के बाद बीज को अंकुरित होने में करीब 2 सप्ताह का समय लगता है।
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पौधों में 4 से 5 पत्तियां आने के बाद इन पौधों की रोपाई मुख्य खेत में करें।
बेल वाली फसलों की खेती के लिए खेत की तैयारी
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इन फसलों की खेती के लिए सबसे पहले खेत में 1 बार गहरी जुताई करें।
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इसके बाद 2 से 3 बार हल्की जुताई करें।
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जुताई के बाद मिट्टी को भुरभुरी एवं समतल बनाने के लिए पाटा लगाएं।
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इसके बाद नर्सरी में तैयार किए गए पौधों की रोपाई के लिए खेत में क्यारियां तैयार करें।
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बेल को सहारा देने के लिए खेत में बांस, तार, रस्सी, आदि से मचान भी तैयार कर सकते हैं। इससे फल जमीन की सतह से लग कर खराब भी नहीं होंगे।
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