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टमाटर
डॉ. प्रमोद मुरारी
कृषि विशेषयज्ञ
2 year
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अधिक मुनाफे के लिए इस तरह करें काले टमाटर की खेती

अधिक मुनाफे के लिए इस तरह करें काले टमाटर की खेती

काले टमाटर को इंडिगो रोज टोमेटो के नाम से भी जाना जाता है। इस किस्म के टमाटर बाहर से काले रंग के होते हैं। टमाटर के अंदर का रंग लाल होता है। स्वास्थ्य के लिए यह टमाटर अन्य किस्मों से अधिक फायदेमंद है। विटामिन ए एवं विटामिन सी से भरपूर काले टमाटर का सेवन आंखों की रोशनी बढ़ाने में सहायक है। इसके अलावा दिल के मरीजों के लिए भी यह लाभदायक है। यह कैंसर जैसे खतरनाक रोग की रोकथाम में भी मददगार है। अधिक लाभदायक होने के कारण टमाटर की अन्य किस्मों की तुलना में इसकी बिक्री अधिक मूल्य पर होती है। इसकी खेती करने वाले कम समय में अधिक मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं। आइए इस पोस्ट के माध्यम से हम काले टमाटर की खेती पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।

इसकी खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी एवं जलवायु

  • इसकी खेती के लिए जीवांश एवं कार्बनिक गुणों से भरपूर दोमट मिट्टी सर्वोत्तम है।

  • चिकनी दोमट मिट्टी में भी इसकी खेती की जा सकती है।

  • खेत में जल निकासी की उचित व्यवस्था होनी चाहिए।

  • इसकी खेती के लिए गर्म जलवायु उपयुक्त है।

  • ठंडे जलवायु वाले क्षेत्रों में फलों को पकने में अधिक समय लगता है।

  • इसकी खेती 10 से 30 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान में की जा सकती है।

  • 21 से 24 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान में पौधों का विकास अच्छा होता है।

नर्सरी तैयार करने की विधि

  • बीज की रोपाई से पहले नर्सरी की मिट्टी को भुरभुरी बना लें।

  • इसके बाद बीज की रोपाई के लिए नर्सरी में भूमि की सतह से 20 से 25 सेंटीमीटर की ऊंचाई पर तैयार करें।

  • नर्सरी में बीज की रोपाई के करीब 60 दिनों बाद पौधे रोपाई के लिए तैयार हो जाते हैं।

खेत की तैयारी एवं पौधों की रोपाई

  • प्रति एकड़ खेत में 10 से 12 टन कम्पोस्ट खाद मिलाएं।

  • कम्पोस्ट खाद के अलावा गोबर की खाद का भी प्रयोग कर सकते हैं।

  • ठंड के मौसम में सभी पौधों के बीच 60 से 75 सेंटीमीटर की दूरी होनी चाहिए।

  • गर्मी के मौसम में पौधों के बीच 45 से 75 सेंटीमीटर की दूरी रखें।

सिंचाई एवं खरपतवार नियंत्रण

  • खेत में आवश्यकता के अनुसार सिंचाई करें।

  • मिट्टी में नमी की कमी न होने दें।

  • सिंचाई के बाद यदि मिट्टी सूखी लगे तो खुरपी की सहायता से मिट्टी की ढीली करें।

  • पौधों की रोपाई के बाद मुख्य खेत में खरपतवारों पर नियंत्रण आवश्यक है।

  • खरपतवारों पर नियंत्रण के लिए कुछ समय के अंतराल पर निराई-गुड़ाई करें।

फलों के पकने का समय

इस किस्म के फलों को पकने में अधिक समय लगता है।

टमाटर की अन्य किस्में करीब 3 महीने में पक जाते हैं। वहीं काले टमाटर को पकने में करीब 4 महीने का समय लगता है।

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हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अन्य किसान मित्र भी इस जानकारी का लाभ उठाते हुए काले टमाटर की सफलतापूर्वक खेती कर सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।

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