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डॉ. प्रमोद मुरारी
कृषि विशेषयज्ञ
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अधिक मुनाफा के लिए करें रजनीगंधा की खेती

अधिक मुनाफा के लिए करें रजनीगंधा की खेती

हमारे देश में रजनीगंधा की खेती करीब 20000 हेक्टेयर क्षेत्र में की जाती है। इसकी खेती उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश में प्रमुखता से की जाती है। बात करें विदेशों की तो इटली, फ्रांस, अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों में भी इसकी खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। यदि आप भी रजनीगंधा की खेती करना चाहते हैं तो अच्छी पैदावार के लिए उपयुक्त समय, मिट्टी एवं जलवायु की जानकारी यहां से प्राप्त करें।

रजनीगंधा की खेती के लिए उपयुक्त समय

  • उत्तर भारतीय क्षेत्रों में इसकी खेती वर्ष भर की जा सकती है।

  • इसकी खेती के लिए फरवरी का महीना सर्वोत्तम है।

  • मैदानी क्षेत्रों में कंदों की रोपाई फरवरी से मार्च के महीने में की जाती है।

  • पहाड़ी क्षेत्रों में कंदों की रोपाई अप्रैल-मई महीने में करनी चाहिए।

  • वर्ष भर फूल प्राप्त करने के लिए 15 दिनों के अंतराल पर कंदों को लगाएं।

उपयुक्त मिट्टी

  • इसकी खेती लगभग सभी किस्म की मिट्टी में की जा सकती है।

  • उच्च गुणवत्ता और अधिक पैदावार के लिए रेतीली दोमट मिट्टी, दोमट मिट्टी एवं मटियार दोमट मिट्टी उपयुक्त है।

  • मिट्टी का पी.एच स्तर 6.5 से 7.5 होना चाहिए।

  • खेत्त में वायु संचार एवं जल निकासी की उचित व्यवस्था करें।

जलवायु

  • 20 से 25 डिग्री सेल्सियस तापमान इसकी खेती के लिए उपयुक्त है।

  • 20 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान होने पर फूलों पर विपरीत असर होता है।

  • पौधों को हल्की धूप की आवश्यकता होती है।

  • इसकी खेती के लिए उष्ण, उपोषण एवं आर्द्र जलवायु बेहतर है।

हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। आने वाले पोस्ट में हम रजनीगंधा की खेती से जुड़ी कुछ अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां साझा करेंगे। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो हमारे पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसान मित्रों के साथ साझा भी करें। जिससे अन्य किसान मित्र भी यह जानकारी प्राप्त कर सकें और रजनीगंधा की खेती कर के अच्छा मुनाफा कमा सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।

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