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अब बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश में भी कर सकते हैं बादाम की खेती
अब बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश में भी कर सकते हैं बादाम की खेती
बादाम की खेती ठंडे प्रदेशों में की जाती है। जिनमें जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, आदि राज्य शामिल हैं। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि अब बादाम की खेती मैदानी क्षेत्रों जैसे बिहार, उत्तर प्रदेश, एवं मध्य प्रदेश में भी सफलतापूर्वक की जा सकती है। बादाम की खेती से जुड़ी कुछ जानकारियां यहां से प्राप्त करें।
कैसे की जाती है बादाम की खेती?
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बादाम की खेती बीज की रोपाई के माध्यम से की जाती है।
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इसके साथ ही बादाम के पौधों को भी लगाया जाता है।
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ग्राफ्टिंग के द्वारा भी बादाम के पौधे लगाए जा सकते हैं।
बादाम के पौधों को लगाने का उपयुक्त समय
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पौधों को लगाने के लिए फरवरी एवं मार्च का महीना सर्वोत्तम है।
उपयुक्त जलवायु
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पौधों के अच्छे विकास के लिए अधिकतम 30 से 35 डिग्री सेंटीग्रेड की आवश्यकता होती है।
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न्यूनतम तापमान 2.2 से 3.3 डिग्री तक होना चाहिए।
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वृक्षों में फूल निकलने के समय यदि 0.50 डिग्री सेंटीग्रेड से -11 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान होने पर फूलों को क्षति पहुंचती है।
कब निकलते हैं फल?
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पौधों को लगाने के 3 से 4 साल बाद फल निकलने शुरू हो जाते हैं।
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6 वर्ष के होने पर वृक्ष पूरी तरह से फल देने लगते हैं।
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बादाम के एक पेड़ से करीब 50 वर्षों तक फल प्राप्त किए जा सकते हैं।
जल्द ही मैदानी क्षेत्रों के कृषकों के लिए भी बादाम आय का नया स्रोत बनकर उभरे गा। अपने आने वाले पोस्ट में हम बादाम की खेती से जुड़ी अन्य जानकारियां साझा करेंगे। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अन्य किसान मित्र भी यह जानकारी प्राप्त कर सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें। बादाम की खेती से जुड़ी अन्य जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।
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