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अब भारत में भी की जा रही है हींग की खेती
अब भारत में भी की जा रही है हींग की खेती
तीखे एवं कड़वे स्वाद और तेज गंध के कारण हींग की एक अलग ही पहचान है। कुछ समय पहले तक हमारे देश में हींग की खेती नहीं की जाती थी। हींग का सबसे बड़ा उपभोक्ता होने के बाद भी हमें अन्य देशों से इसे आयात करना पड़ता था। लेकिन अब भारत में भी हींग की खेती संभव है।
हमारे देश में सबसे पहले हिमाचल प्रदेश के लाहौल घाटी में हींग की खेती की शुरुआत की गई है। हींग के पौधों की ऊंचाई 1 से 1.5 मीटर तक होती है। पौधों के ऊपरी जड़ों से निकलने वाले दूध से हींग तैयार किया जाता है। आइए इस पोस्ट के माध्यम से हम हींग की खेती से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त करें।
भारत में किन क्षेत्रों में की जा सकती है हींग की खेती?
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हींग की खेती पर किए गए शोधों के अनुसार हमारे देश में हिमाचल प्रदेश के अलावा कश्मीर, उत्तराखंड एवं हिमालय के क्षेत्रों में की जा सकती है।
हींग की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी एवं जलवायु
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हींग की खेती के लिए 20 से 30 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान की आवश्यकता होती है।
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पहाड़ी क्षेत्रों में इसकी खेती सफलतापूर्वक की जा सकती है।
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पौधों की बढ़वार के लिए बलुई मिट्टी उपयुक्त है।
हींग से जुड़ी कुछ अन्य जानकारियां
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पौधों को लगाने के करीब 5 वर्ष बाद हींग प्राप्त किया जा सकता है।
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इसका उपयोग कई दवाओं के निर्माण में भी किया जाता है।
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बाजार में इसकी बिक्री करीब 35 हजार रुपए प्रति किलोग्राम की दर से की जाती है।
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हींग की लगभग 130 किस्में होती हैं।
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खाने में ‘फेरुला अस्सा-फेटिडा’ किस्म के पौधों से प्राप्त हींग का प्रयोग किया जाता है।
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हींग के 100 पौधे लगाने पर केवल 1 पौधे ही अच्छी तरह विकसित हो पाता है।
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हींग की सफल खेती के बाद इसके आयात को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
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हींग की खेती की अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
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